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हे मतदाता ! आज राज्य में अंतिम चरण है, मतदान करें। नजर छोटी बातों पर नहीं, लोकतंत्र पर हो !!

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

हे मतदाता। राज्य की 25 में से 12 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो गया और शेष रही 13 सीटों पर आज मतदान का दिन है। उसके बाद तो देश की सरकार चुनने का आपको 5 साल बाद अवसर मिलेगा। अभी मताधिकार का उपयोग करने में चूक गये तो फिर लंबी प्रतीक्षा करनी होगी। पहले चरण में लोकतंत्र के भाग्य विधाता ने मतदान में कम रुची दिखाई। उससे चिंता बढ़ना स्वाभाविक था। लोकतंत्र जिंदा भी तभी रहता है जब मतदाता मतदान करे, ये बड़ा सच है।

पहले चरण में 12 लोकसभा सीटों पर केवल 58.28 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के चुनाव की तुलना में 5.74 प्रतिशत कम था। जबकि पांच साल की अवधि में मतदाता भी बढ़े। उस लिहाज से तो वोट प्रतिशत ज्यादा जाना चाहिए था। कम से कम वो कमी दूसरे चरण में तो न रहे। लोकतंत्र के लिए संविधान से मिले इस अधिकार का उपयोग करना हमारा परम कर्तव्य है।

हे मतदाता ! परसों शाम चुनाव प्रचार का शोर भी इन 13 सीटों पर थम गया है। नेताओं, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों ने अपनी बात कह ली। जो वादे करने थे कर लिये। जाति, धर्म, क्षेत्र, रिश्तेदारी के जो कार्ड चलने थे, चल लिये। उनका शोर थमने का बाद आपको कल का दिन सोचने समझने के लिए भी मिल गया। आपने सोच भी लिया होगा। जो भी सोचा, वो ठीक, बस पोलिंग बूथ पर जरूर जायें। अपने अधिकार का उपयोग ईवीएम का बटन दबाकर करें। उस बटन से देश का, प्रदेश का, आपके क्षेत्र का, आपका भविष्य तय होगा। इसलिए इसके महत्त्व को नजरअंदाज न करें।

हे मतदाता ! ये राष्ट्र की सरकार का चुनाव है। वोट देने से पहले सोचें। कहीं हम गलती न कर दें, इसलिए निरपेक्ष भाव से सोचें। जाति पर हरेक को गर्व होता है, होना भी चाहिए। मगर ये जाति का चुनाव नहीं इस कारण इसे यहां हावी न होने दें।

हे मतदाता ! आदिगुरु शंकराचार्य कहते थे, धर्म निजता से जुड़ा है इसलिए उसका प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र सबके लिए है। इस कारण इस काम में उसको अलग रखें। रिश्तेदारी सामाजिक दायित्त्व है, लोकतंत्र का नहीं। उसको भी यहां बीच में न लाये।

हे मतदाता ! अपने विवेक से लोकतंत्र के लिए, विकास के लिए, राष्ट्र के लिए, व्यक्ति उत्थान के लिए, बेहतर जीवन के लिए, अपने बच्चों के भविष्य के लिए, गरीबों – किसानों – मजदूरों- युवाओं की बैभूति के लिए मतदान करें। वोट दें ताकि आपकी सोच की सरकार बने। लोकतंत्र जिन्दा व मजबूत रहे। हे मतदाता ! चूकना मत।
आ, बेहतर भारत बनाने आगे आयें
लोकतंत्र को हम सब मजबूत बनायें

— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘