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Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले!

 

रुद्रा सवाल :

  • गर्मी आई, जल कालाबाजारियों के रौनक आई, दुगुनी हुई कमाई
  • लोगों की मांग, गुस्से के बाद भी प्रशासन क्यों नहीं रोक पाता पानी की कालाबाजारी
  • हर गर्मी में क्यों होती है पानी की कमी, फिर क्यों बनता है कंटीजेंसी प्लान
  • जल महकमा गर्मी से पहले क्यों नहीं करता पूरे प्रबंध
  • घबराएं नहीं! बीकानेर में 25 मई तक का पानी उपलब्ध, उससे पहले चालू हो जाएगा नहर से इनफ्लो
Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! RNE Bikaner. भीषण गर्मी के बीच नहरबंदी होने से बीकानेर में पानी की आपूर्ति एक दिन छोड़कर हो रही है। पानी की कमी से जूझ रहे लोग जलमाफियार के शिकार हो रहे हैं और पानी के जिस टैंकर की रेट प्रशासन 500 रुपए दे रहा है, उतने ही पानी की कीमत प्राइवेट टैंकर 1000 रुपए तक वसूल रहे हैं। पानी की यह कालाबाजारी इस वजह से हो रही है कि लोगों में जलसंकट का डर पैदा हो गया है। वास्तविकता यह है कि किल्लत से कहीं अधिक डर होने का फायदा जलमाफिया उठा रहे हैं। पहले जानिए मजबूरी और कालाबाजारी का ये संवाद : मूळ जी, पाणी रो टैंकर चाईजै।  हुकुम, म्हारो तो काम ई ओई है। अबार पाणी कम आवै नी। म्हाने ठा है। गरमी मांय नहर बंद हुवै। पाणी री उण बगत ई कमी हुवै। साची बात। तीन टैंकर भेजो। सगळी कुण्डयाँ भराय लां। थै बताओ जिता टैंकर भेज दां।  किती देर लागसी।  देर कांयरी। जलदाय विभाग सूं पैला पाणी पुगावां।  पईसा किता देवणा है। तीन टैंकरां रा 2400 रुपिया हुसी। इता किंया। 500 रुपया टैंकर है नी। कलक्टर भी दाम तय करीयोडा है।  बै सब दिखावण खातर है। म्हारी कमाई तो गरमी मांय ई हुवै। भेज भाई। पाणी तो चाईजै। मांगे जिता देवणा पडसी। ये वार्तालाप इन दिनों हर उस घरवाले और टैंकर भेजने वाले के बीच का है, जिसके घर को पानी की जरूरत है। ' बिन पानी सब सून ' उक्ति ही इस मामले में प्रयाप्त है। आज के जीवन में हर व्यक्ति, हर घर को जिन दो चीजों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वह है पानी और बिजली। प्रचंड गर्मी में इनका मोल बढ़ता है। पानी तो इस तेज गर्मी में अमृत का काम करता है। Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! हर गर्मी की यही स्थिति : जलदाय विभाग, जिला प्रशासन व सरकार को पता है कि हर गर्मी में पेयजल की किल्लत से यही स्थिति बनती है। सरकारें अपने स्तर पर प्रबंध भी करती है। कंटीजेंसी प्लान बना हर जिले को बजट का आवंटन भी करती है। ताकि जहां जल संग्रहण न हो वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जा सके। कुछ प्रॉब्लम के जिलों में रेल से भी जल पहुंचाया जाता है कई बार। सरकार तो पूरी जिम्मेवारी निभाती है, मगर जलदाय विभाग क्या करता है ये समझ से परे है। जिला प्रशासन केवल टैंकरो की दर तय करने का आदेश जारी कर देता है, ये नहीं देखता कि पानी बेचने वाले हर गर्मी में उस आदेश को नहीं मानते। वो तो केवल आदेश निकाल अपना पल्ला झाड़ लेता है। Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! जलदाय विभाग सवाल के घेरे में : सरकार अपना काम करती है और जिला प्रशासन अपना, मगर जिस सरकारी महकमे की पेयजल प्रबंध के लिए जिम्मेदारी है, वो सवालों के घेरे में है। हर बार गर्मी आती है तो ये स्थिति बनती है। फिर इस समस्या के स्थायी निदान का प्रोजेक्ट क्यों तैयार नहीं किया जाता। अस्थायी प्रबंध को ही क्यों सहारा बनाया जाता है। जब सरकार कंटीजेंसी प्लान में बजट देती है तो फिर लोगों को पानी खरीदना क्यों पड़ता। कालाबाजारी का शिकार क्यों होना पड़ता है। जल संचयन की विभाग कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनाता। पानी की कालाबाजारी को पुलिस के सहयोग से क्यों नहीं रोकता। Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! बेशुमार होती है कालाबाजारी : आम दिनों में पानी का जो टैंकर 500 रुपये में मिलता है वो गर्मियों में 800 से 1000 रुपयों में मिलता है। कई बार तो दाम इससे भी अधिक हो जाते हैं। दाम को लेकर खरीददार बहस करता है तो पानी मिलता भी नहीं। इसकी शिकायत आम आदमी जलदाय विभाग को करे तो कोई सुनता नहीं। हारकर उसे मुंह मांगे दाम देने पड़ते हैं। क्योंकि जल के बिना जीना मुश्किल है। उपभोक्ता ठगा ही जाता है। Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! गजब.. एक भी कार्यवाही नहीं जलदाय विभाग व प्रशासन की पानी की कालाबाजारी पर सक्रियता कितनी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक एक भी टैंकर से जल बेचने वाले के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई। किसी के जल स्त्रोत को बंद नहीं किया गया। किसी भी जल बेचने वाले के यहां जलदाय विभाग के अधिकारियों ने पुलिस को साथ लेकर छापा तक नहीं मारा। जबकि हर किसी को पता है कि टैंकर के मुंह मांगे दाम वसूलकर ये लोग पानी की कालाबाजारी कर रहे हैं। Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! इस हालत पर ' रुद्रा ( RNE ) ' के सवाल
  1. क्या कभी स्थायी रूप से गर्मी में पेयजल की हो रही समस्या का समाधान होगा ?
  2. क्या कंटीजेंसी प्लान में हर साल मिलने वाले बजट की उपादेयता पर असली पब्लिक ओडिट होगी कभी ?
  3. क्या जल की कमी के लिए व होती कालाबाजारी के लिए जलदाय के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी ?
  4. क्या जल की कालाबाजारी करने वालों के कभी नकेल डाली जायेगी ? उन पर कठोर कार्यवाही कभी होगी क्या ?
  5. क्या इन जल के कालाबाजारियों को इसी तरह विभाग व प्रशासन का संरक्षण मिलता रहेगा ?
Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! बीछवाल जलाशय ये है बीकानेर का "जलगणित" :
  • 06.5 मीटर स्टोरेज में से 05 मीटर पानी अभी पड़ा है बीछवाल जलाशय में।
  • 05.5 मीटर स्टोरेज में से 04.5 मीटर पानी अभी पड़ा है शोभासर जलाशय में।
  • 50 कुओं क पानी इसके अलावा सप्लाई में शामिल किया जा रहा है।
  • 80 एमएलडी प्रतिदिन फिल्टर क्षमता है शोभासर जलाशय फिल्टर प्लांट की।
  • 53 एमएलडी प्रतिदिन क्षमता है बीछवाल जलाशय फिल्टर प्लांट की।
  • 01 घंटा 30 मिनट पानी की सप्लाई एक दिन छोड़कर हो रही है।
  • 25 मई तक इतने पानी से पूरे शहर में एक दिन छोडकर आपूर्ति हो सकती है।
  • 22 मई तक नहरबंदी के बाद फिर से पानी पहुंचने की संभावना है।
  • 500 रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से जलदाय विभाग ने पानी के टैंकर के रेट कांट्रैक्ट किया है।
  • 22 इलाके शहर के ऐसे जो टेल एंड पर होने से परेशानी झेल रहे।
  • 16 इलाकों में पानी की सप्लाई के समय बिजली बंद करना शुरू ताकि बूस्टर लगाकर दूसरों के हक का पानी न छीने।
ये कहना है विपक्ष का "ये सरकार इस भीषण गर्मी में पेयजल का प्रबंध करने में पूरी तरह से नाकाम है। ग्रामीण क्षेत्र में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और उनको महंगे दामों में पानी खरीदना पड़ रहा है। शहर में भी अंतिम छोर की बस्तियों तक पानी पहुंच ही नहीं रहा। लोगों को हजार रुपये तक देकर टैंकर लेने पड़ रहे हैं। जलदाय विभाग के अधिकारी मौन बैठकर पानी की यह कालाबाजारी देख रहे हैं और उसे संरक्षण दे रहे हैं। जनता परेशान हो रही है। कांग्रेस चेतावनी दे रही है कि पेयजल व्यवस्था नहीं सुधारी और कालाबाजारी नहीं रोकी तो हम जन आंदोलन करेंगे।" Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! -बिसनाराम सियाग, देहात कांग्रेस अध्यक्ष, बीकानेर Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले! "लोग घबराएँ नहीं दो दिन में एक बार भी उतना पानी दिया जा रहा है जितने से काम चल सकता है। जहां बूस्टर लगाकर पानी खींचते हैं उन इलाकों की पहचान करने के साथ ही ऐसे इलाकों में जलापूर्ति के समय बिजली की आपूर्ति बंद करवा रहे हैं। अब तक ऐसे 16 इलाकों में ये प्रयोग शुरू किया गया है। अवैध जल कनैक्शन हटा रहे हैं। "   Water Crisis in Bikaner : दो दिन में एक बार मिल रहा पानी, 1000 रुपए तक ले रहे टैंकर वाले!