Haryana Weather : हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ फिर से हुआ सक्रिय, 18 सितंबर तक होगी बारिश
हरियाणा में सितंबर माह में तेज बारिश के बाद प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। फिलहाल कुछ जिलों में राहत है, लेकिन अब दोबारा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से इन जिलों के लिए खतरे का निशान है। मौसम विभाग का कहना है कि हरियाणा में फिलहाल बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है और 18 सितंबर तक प्रदेश में बारिश हो सकती है।
कई जिलों में बारिश के आसार है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी से लेकर मध्य भारत तक मानसून टर्फ सक्रिय है और राजस्थान और पंजाब के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके चलते सोमवार को हरियाणा के कई जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञानी डा. चंद्र मोहन ने बताया कि प्रदेश में अभी भी वर्षा से निजात मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है, क्योंकि प्रदेश में दो पश्चिमी विक्षोभ आगामी दिनों में सक्रिय होंगे। जिससे प्रदेश के कई जिलों में 18 सितंबर तक वर्षा होती रहेगी। आठ सितंबर को एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश में सक्रिय होगा।
हालांकि यह हरियाणा के उत्तरी व पूर्वी जिलों में अधिक सक्रिय रहेगा। इससे पंचकूला, अंबाला, पानीपत, सोनीपत, करनाल, कैथल, पलवल जिलों में अधिक वर्षा होगी। वहीं पश्चिमी व दक्षिणी हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, जींद आदि जिलों में बिखराव वाली वर्षा देखने को मिलेगी यानि इन जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होगी। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। जिससे प्रदेश के अधिकतर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी।
इस बार की बारिश रिकार्ड तोड़
हरियाणा में इस बार मानसून ने रिकार्ड तोड़ बरसात दी है, जिससे प्रदेश में सामान्य से 48 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। 6 सितंबर तक औसतन 373.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, जबकि अब तक 550.9 एमएम बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1059.2 एमएम और महेंद्रगढ़ में 810.6 एमएम हुई। सबसे कम बारिश सिरसा जिले में 309.3 एमएम और भिवानी में 352.4 एमएम हुई है।