वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 : भारतीय रोगी में मंकीपॉक्स का ये स्ट्रेन, ग्लोबल इमरजेंसी में ये स्ट्रेन शामिल नहीं
- भारत में इस स्ट्रेन के 30 मामले पहले रिपोर्ट हो चुके हैं
RNE Network, New Dehli.
विदेश से लौटे जिस युवक की मंकीपॉक्स की आशंका में जांच करवाई गई थी उसकी रिपोर्ट सोमवार को मिल गई है। इस युवक में मंकीपॉक्स बीमारी की पुष्टि हुई है। मतलब यह की हालिया प्रकोप के सीजन में यह भारत का पहला मंकीपॉक्स रोगी है। इसके बावजूद अभी डरने की बात नहीं है।
वजह, भारत में मंकीपॉक्स का जो पहला केस मिला है उसमें वह स्ट्रेन नहीं है जिस पर दुनिया में अलर्ट जारी किया गया है। भारत में “मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2” की पुष्टि हुई है। ये WHO की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल स्ट्रेन क्लेड1 नहीं है। ऐसे स्ट्रेन क्लेड 2 के जुलाई 2022 के बाद भारत में 30 केस मिले थे।
इसके बावजूद मंकीपॉक्स की पुष्टि होते ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की। चंद्रा ने कहा- मंकीपॉक्स के खतरे को रोकने के लिए सभी राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए।
मरीज की हालत स्थिर, तत्काल कोई खतरा नहीं है :
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जारी बयान में कहा है की जिस युवक में “मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2” की पुष्टि हुई है उसकी हालत स्थिर है। उसे एक हॉस्पिटल के आइसोलेशन में रखा गया है। इस बीमारी को लेकर फिलहाल लोगों को कोई खतरा नजर नहीं आता।
यह मामला एक अलग मामला है जो जुलाई 2022 के बाद से भारत में रिपोर्ट किए गए पहले के 30 मामलों के जैसा ही है और यह वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (डब्ल्यूएचओ द्वारा रिपोर्ट किया गया) का हिस्सा नहीं है जो एमपॉक्स क्लैड 1 के बारे में है।