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ममता बोली : 25 हजार टीचर हटाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

बड़ी खबर: बंगाल में 25 हजार टीचर्स की नियुक्ति रद्द, हाईकोर्ट का आदेश- आठ साल का वेतन लौटाओ

ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच की थी 

शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी अरेस्ट हुए, उनकी नजदीकी मॉडल मॉडल अर्पिता के घर मिले थे 50 करोड़ कैश

अर्पिता के घर 1-1 किलो सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के कंगन मिले थे 

आरएनई, नेटवर्क।

बंगाल से बड़ी खबर सामने आई है। यहां हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में हुई शिक्षक भर्ती मंे चयनित हुए लगभग 25 हजार टीचर्स-नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सरकार को आदेश दिया है कि इन टीचर्स से लगभग आठ साल की सैलरी वापस ली जाएं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

जस्टिस देवांग्शु बसाक और जस्टिस शब्बर रशीदी की बेंच ने कहा- कैंसर पीड़ित सोमा दास की नौकरी सुरक्षित रहेगी।
हाईकोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैरकानूनी बताया है। उन्होंने कहा- हम उन लोगों के साथ खड़े रहेंगे जिनकी नौकरियां चली गईं। भाजपा नेता न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं। इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

मामला यह है :

सरकार ने 2014 में WBSSC के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती का ऑर्डर जारी किया था। उस वक्त 24,640 पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी।

रिश्वत के लगे आरोप :

भर्ती में 15 लाख रुपए की घूस लेने के आरोप लगे। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी मॉडल अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।

मेरिट लिस्ट से बाहर वालों को नौकरी देने के आरोप

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला। कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी नौकरी दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने TET परीक्षा भी पास नहीं की थी, जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए TET की परीक्षा पास होना अनिवार्य है।

हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए थे : 

राज्य में 2016 में SSC द्वारा ग्रुप डी की 13 हजार भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं। हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए CBI जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ED ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मामले में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी। CBI ने इस मामले में 18 मई को पार्थ चटर्जी से पूछताछ भी की थी।

शिक्षा मंत्री गिरफ्तार :

शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी थें। उन्हें ED ने जुलाई 2022 में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। पार्थ पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने नौकरी देने के बदले गलत तरीके से पैसे लिए।

अर्पिता के घर से 49 करोड़ कैश :

ED ने पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान घोटाले में बंगाल की एक मॉडल अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी जानकारी भी सामने आई। छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे।इसके बाद ED ने अर्पिता के घर पर छापा मारा। अर्पिता के फ्लैट से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले। 24 जुलाई को ED ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया।

एक-एक किलो सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के कंगन  : 

इसके बाद एक और छापेमारी में अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला। इसमें 2000 रुपए और 500 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल हैं।