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“किरोड़ी का एनकाउंटर..” वाले गोपाल शर्मा के बयान से मचे बवाल में बी.डी.कल्ला का हस्तक्षेप, क्या है मायने!
- पंचायती : धीरेन्द्र आचार्य
RNE Political Desk.
सिविल लाइन, जयपुर से भाजपा विधायक डॉ.गोपाल शर्मा के एक बयान ने राजस्थान की राजनीति में बवाल ला दिया है। विधानसभा सत्र के बीच डॉ.शर्मा का बयान जहां भाजपा सरकार में असंतुष्ट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के मुद्दे पर हमलावर हो रही कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलता दिख रहा है। ज्यादातर कांग्रेस नेता इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस बीच हैरानी की बात यह है कि आमतौर पर विवादास्पद मसलों से बचने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला इस मामले में खुलकर गोपाल शर्मा के बयान का विरोध कर रहे हैं।
बड़ा बयान : इन दो विधायकों का एनकाउंटर हो जाता..
विधायक गोपाल शर्मा ने मीडिया के सामने एक सनसनीखेज खुलासा किया। डॉ. शर्मा ने कहा, कांग्रेस के शासन में भाजपा के दो विधायकों का एनकाउंटर करवाने तक पर विचार हो गया। शर्मा ने इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का जिक्र किया। उन्होने जिन दो विधायकों के नाम बताए उनमें एक वर्तमान मंत्री किरोड़ीलाल मीणा और दूसरे पूर्व विधायक स्वर्गीय हरीश शर्मा थे।
भैरोंसिंह शेखावत ने बताई थी ये बात :
डॉ.गोपाल ने दावा किया कि कांग्रेस और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर मिलकर इन डॉ विधायकों का एनकाउंटर करना चाहते थे। इस बयान के साथ ही गोपाल शर्मा ने गेंद किरोड़ीलाल मीणा के पाले में डालते हुए कहा, किरोड़ीलाल जी से पूछा जाये कि क्या कांग्रेस सरकार उनका एनकाउंटर करना चाहती थी या नहीं। क्या उनके लोगों पर गोलियां चली थी या नहीं! भैरोंसिंह शेखावत के सशक्त नेतृत्व के कारण वह सरकार एनकाउंटर में सफल नहीं हो पाई थी।
किरोड़ीलाल का कबूलनामा :
दूसरी और किरोड़ीलाल मीणा का एक इंटरव्यू भी वायरल हो रहा है। इसमें मीणा कहते हैं, एक बार भैरूसिंहजी ने मुझे बुलाकर कहा था कि डॉक्टर कांग्रेस सरकार तेरा और विधायक हरीश शर्मा का एनकाउंटर करना चाहती है। तुम दोनों आंदोलन बहुत करते हो इससे सरकार परेशान हैं। जब यह बात हो रही थी उस वक्त गोपाल शर्मा जो महानगर टाइम्स के मालिक है वे भी मौजूद थे। मैंने कह दिया, मैं पीछे थोड़े ही हट जाऊंगा। मृत्यु तो अकाट्य सत्य है! इस पर भैरोंसिंहजी देखने लग गए। फिर उन्होंने डीआईजी इंटेलिजेंस को बुलाकर कहा, अगर कुछ भी हो गया तो आग लग जाएगी पूरे राजस्थान में।
कौन थे हरीश शर्मा :
जिन दो विधायकों का जिक्र हो रहा है उनमें एक किरोड़ीलाल मीणा को कमोबेश सभी जानते हैं। वे आज भी भजनलाल सरकार में मंत्री हैं और अपने तेवर और इस्तीफे की वजह से चर्चा में हैं। दूसरे जिन विधायक हरीश शर्मा का जिक्र हो रहा है वे अब दुनिया में नहीं है। हरीश शर्मा छ्थी से आठवीं विधानसभा तक लगातार तीन बार विधायक रहे। पहले दो चुनाव कोटा की रामगंज मंडी सीट से जीते। तीसरा चुनाव झालावाड़ की खानपुर सीट से जीते। शर्मा आंदोलनजीवी थे। हाड़ौती आंदोलन के कारण लंबे समय तक नजरबंद रहे। आपातकाल में 19 महीने जेल में रहे।
अभी जिक्र क्यों..
अब सवाल यह उठता है कि गोपाल शर्मा ने इस वक्त यह मुद्दा क्यों उठाया है? सब जानते हैं कि गोपाल शर्मा भले ही एमएलए पहली बार बने हो मगर बतौर पत्रकार उनकी राजनीतिक दृष्टि काफी तीक्ष्ण है। वे यूं ही किसी वक्त कोई बात न तो लिखते है, न कहते हैं। जाहिर है कि राजस्थान की राजनीति में इस वक्त कोई सबसे बड़ा मुद्दा है तो वह है किरोड़ीलाल मीणा। मीणा का मंत्री पद से इस्तीफा तो चर्चा में था ही अब उन्होंने ये कहकर सनसनी फैला दी कि मेरे फोन टेप हो रहे हैं। इसके बाद जहां भाजपा बैकफुट पर आई और पार्टी ने स्पष्टीकरण मांग लिया। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो रही है। ऐसे वक्त में गोपाल शर्मा ने जहां यह मुद्दा छेड़ कांग्रेस को बेकफुट पर धकेलने की कोशिश की है वहीं किरोड़ीलाल मीणा को भी डिफेंसिव मोड पर ला दिया है।
बी.डी.कल्ला विरोध में कूद पड़े..
इस मुद्दे पर जहां अधिकांश कांग्रेस खामोश है वहीं पूर्व मंत्री बी.डी.कल्ला ने गोपाल शर्मा के बयान का पुरजोर विरोध किया है। कल्ला ने अपने हाथ से इस बयान का खंडन लिखकर “एक्स” पर पोस्ट किया है। कल्ला ने लिखा है, स्व. शिवचरण माथुर पर लगाए आरोप का खंडन करता हूँ। कल्ला ने गोपाल शर्मा के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है, भैरोंसिंहजी शेखावत ने अपने पूरे कार्यकाल में कभी भी ऐसे बयान नहीं दिये। किसी समाचार पत्र में भी एनकाउंटर की एसी खबर नहीं आई। किरोड़ीलाल मीणा और शिवचरण जी माथुर में कोई वैमनस्य नहीं था। दोनों एक-दूसरे का आदर करते थे। यह बयान कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को बदनाम करने की नीयत से दिया गया है।
कल्ला के बयान के मायने क्या..
दरअसल इस मसले पर बी.डी.कल्ला का बयान काफी मायने रखता है। इसकी वजह यह है कि जिस वक्त एनकाउंटर की योजना का जिक्र किया जा रहा है उस वक्त शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री थे। जिन दो विधायकों के एनकाउंटर के षड्यंत्र का आरोप लग रहा है उनमें किरोड़ीलाल मीणा जहां 8वीं विधानसभा में पहली बार विधायक चुनकर पहुंचे थे वहीं हरीश शर्मा उस वक्त तीसरी और आखरी बार विधायक थे। यहां गौरतलब यह है कि बी.डी.कल्ला पहली बार 7वीं विधानसभा यानी 1980 में विधायक बने और कुल छह बार विधायक बने। जिस वक्त का जिक्र किया जा रहा है उस वक्त भी वे न केवल विधायक थे वरन 1985 में स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री भी बन चुके थे। उन्हें मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के करीबी लोगों में गिना जाता था। ऐसे में प्रकारांतर से देखा जाये तो यह आरोप कल्ला की भागीदारी वाली सरकार पर ही लग रहा है।
माथुर की बेटी विरोध में उतरी :
दूसरी ओर इस मसले पर अब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की पुत्री वंदना माथुर विरोध में उतार आई है। वंदना माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक गोपाल शर्मा के आरोपों का खंडन किया है। कहा है, विधायक शर्मा को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। वंदना माथुर ने कहा कि शिवचरण माथुर स्वच्छ राजनीति के लिए जाने जाते थे। वे स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी ईमानदारी व प्रशासनिक क्षमता के कारण जनता ने उन्हें बार-बार अपना प्रतिनिधि चुना।
गोपाल शर्मा पहली बार विधायक बने हैं। उन्हें शायद इतिहास की पूरी जानकारी नहीं है। शिवचरण माथुर अब इस दुनिया में नहीं हैं, ऐसे में 35 साल बाद इस तरह के आरोप लगाने का कोई औचित्य नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में वंदना माथुर की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की दोहिती विभा माथुर भी मौजूद रहीं।
कुल मिलाकर यह तो तय है कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर कोई प्रामाणिक नतीजा सामने नहीं आ सकता लेकिन गोपाल शर्मा ने चतुराई से यह मुद्दा उछालकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। देखना यह है कि कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व इस मसले को किस तरह फेस करता है।