WHO Alert : गुजरात-राजस्थान के 43 जिलों में चांदीपुरा वायरस का असर
- चांदीपुरा वायरस : 20 साल बाद बड़ा प्रकोप, 245 मामले, 82 मौत
- WHO Allert : भारत में गुजरात और इससे लगते राजस्थान में असर
RNE Network.
चांदीपुरा वायरस भारत के लिए खतरा बन गया है और इससे लोगों की जान जानी शुरू हो गई है। इसको लेकर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सतर्क हो गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्यूएचओ ) के मुताबिक भारत में चांदीपुरा वायरस का मौजूदा प्रकोप 20 साल में सबसे बड़ा है। इससे अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात और राजस्थान में चांदीपुरा वायरस ( सीएचपीवी ) के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। गुजरात की सीमा से लगे उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही और जालौर जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
ग्लोबल अलर्ट : 33 प्रतिशत मौत,कोविड से 33 गुना ज्यादा
भारत में इस वायरस की स्थिति को लेकर WHO ने ग्लोबल अलर्ट जारी किया है। कहा है, 20 साल बाद भारत में चांदीपुरा वायरस का सबसे बड़ा प्रकोप सामने है। इस साल जून से लेकर बीते 15 अगस्त तक भारत में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 245 मामले सामने आए हैं, जिनमें 82 मरीजों की मौत हुई। इस बीमारी की मृत्यु दर 33% दर्ज की है जो कोरोना वायरस की तुलना में करीब 33 गुना ज्यादा है। इन्हीं 245 में से 64 मरीजों में चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह स्थिति तब है जब भारत में चांदीपुरा वायरस का संक्रमण खत्म होने के कगार पर है, लेकिन मौजूदा प्रकोप पिछले 20 वर्षों में सबसे बड़ा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2003 में आंध्र प्रदेश में एईएस का बड़ा प्रकोप सामने आया, जिसमें 329 मामले और 183 मौत हुईं।
गुजरात-राजस्थान के 43 जिलें प्रभावित :
डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के सदस्य देशों को जानकारी देते हुए कहा है कि मौजूदा समय में भारत के 43 जिले अभी प्रभावित हैं। इन प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ की टीम निगरानी के साथ-साथ अन्य बचाव संबंधी उपायों को लागू कराने में सहयोग कर रही है। दरअसल, दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी तरह के रोग का प्रकोप सामने आने पर डब्ल्यूएचओ सभी सदस्य देशों को जानकारी मुहैया कराता है। हालांकि, साल 2019 में कोरोना महामारी की जानकारी देरी से मिलने के कारण डब्ल्यूएचओ की जानकारी देरी से पहुंची, जिसके लिए इसे काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसी क्रम में डब्ल्यूएचओ ने बीते 23 अगस्त को भारत में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और चांदीपुरा वायरस के संक्रमण पर अपनी अलर्ट रिपोर्ट जारी की है।
अब कम हो रहा प्रकोप :
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अभी तक एक से दूसरे इन्सान के संक्रमित होने का कोई मामला नहीं मिला है। साथ ही 19 जुलाई से नए मामलों में कमी आने का ग्राफ भी दिखाई दे रहा है। इसके बावजूद भारत के गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में संक्रमण अभी प्रभावी है। अभी तक इस संक्रमण का कोई कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। मरीजों की शीघ्र देखभाल और आईसीयू देखभाल से जान बचाने का प्रयास किया जा सकता है।