CHATARGARH : तहसीलदार ने फर्जी जमीन आवंटन का मामला दर्ज करवाया
RNE, BIKANER .
बीकानेर जिले का अब तक का सबसे बड़ा भूमि आवंटन घोटाला सामने आया है। छतरगढ़ उपखंड की 6112 बीघा भूमि का गलत आवंटन कर सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई गई है। इस मामले को लेकर एक ही परिवार के कई सदस्यों को अनाधिकृत रूप से लाभ देने में बड़ी तादाद में सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी सन्देह के घेरे में है।
ये हैं पूरा मामला
तहसीलदार राजकुमारी की ओर से छतरगढ़ पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया है कि छतरगढ़ के गांव मोतीगढ़, नापासरिया, सरदारपुरा, राजासर भाटियान, कुंडा, घेघड़ा, सतासर व लूणखां गांव की 1547 हेक्टेयर अर्थात 6112 बीघा सरकारी भूमियों को अपुष्ट एवं कूटरचित आंवटन आदेशो के आधार पर अनाधिकृत रूप से सुनियोजित योजना के तहत पटवारियो एवं तहसीलदार, नायब तहसीलदार व प्राप्त कर्ताओं ने जानबूझकर लाभ सरकारी भूमियों को खुर्द बुर्द किया है। जिससे सरकार को 3 करोड़ से अधिक के राजस्व की हानि हुई है।
दो मामले दर्ज
तहसीलदार राजकुमारी की दी रिर्पोट में आरोप है कि राजकीय भूमियों को पुरानी तिथियों के संदर्थत अपुष्ट आवंटन आदेशों के आधार पर अनाधिकृत रूप से राजस्व रिकॉर्ड में अंकन किया गया है।
लिखित रिपोर्ट के आधार पर टीडीआर सुरेंद्र जाखड़ व कुलदीप सिंह, नायब टीडीआर राजेश शर्मा व सरवरदीन, भू निरीक्षक मकसूद व सुभाष जांगीड़, मुकेश गोदारा, पटवारी जसवीर, भूनिरीक्षक सुरेंद्र कुमार गोयल, पटवारी सुशील मीणा, वरेंद्र सिंह, अजेंद्र सिंह, जसवीर, जयसिंह गुर्जर, सेवानिवृत पटवारी देवराज, विकास पूनियां, अनिता शर्मा, पेमाराम सारण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर इस मामले की जांच सीओ छतरगढ़ विनोद कुमार को सौंप दी है। जानकारों का अनुमान है कि जमीन की बाजार दर लगभग 300 करोड़ रूपए हैं।