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‘हिंसा अहिंसा के मध्य युवा भ्रमित है’ : “बन्दूक” ने छोड़े ज्वलंत सवाल

RNE Bikaner.

संकल्प नाट्य समिति, बीकानेर के तत्वावधान में विख्यात शायर व रंगकर्मी आनंद वी आचार्य की स्मृति में टाउन हॉल में आयोजित पांच दिवसीय राज्य स्तरीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन ऊर्जा थिएटर सोसायटी, बीकानेर द्वारा नाटक ‘बंदूक’ का प्रभावी मंचन किया गया। यह नाटक रिज़वान ज़हीर उस्मान द्वारा लिखित और अशोक जोशी द्वारा निर्देशित था।

 

संयोजक विद्या सागर आचार्य ने बताया कि ‘बंदूक’ एक बूढ़े कारीगर और एक युवा की कहानी है, जिसमें हिंसा की संस्कृति के कारण नष्ट हो चुकी दुनिया की झलक दिखाई गई है।

 

नाटक में दिखाया गया कि एकमात्र बचे हुए युवक को विरासत में एक बंदूक मिली है, और वह उस पर अपने खानदान का नाम खुदवाने के लिए एक वृद्ध कारीगर की तलाश में भटक रहा है।

 

इस सफर के दौरान वह महसूस करता है कि बंदूक धीरे-धीरे उसके ऊपर हावी हो रही है। नाटक दर्शकों के सामने यह ज्वलंत सवाल छोड़ता है कि क्या बंदूक का चरित्र कभी बदल सकता है?

नाटक में सुरेश पुनिया और काननाथ गोदारा के सशक्त अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा। निर्देशक अशोक जोशी के अभिनव प्रयोग भी प्रभावशाली रहे। मंच परिकल्पना रमन कुमार की, मंच सज्जा नील माधव की, संगीत प्रभाव पृथ्वी सिंह राठौड़ का, रूप सज्जा सिम्मी सत्यानी की तथा मंच प्रबंधन रवि शर्मा का रहा।

कार्यक्रम के दौरान कलाकारों को सम्मानित भी किया गया। दर्शकों में राजेंद्र जोशी, प्रह्लाद राजपुरोहित, हरीश बी. शर्मा, सुधेश व्यास, कैलाश वैष्णव, रामदयाल राजपुरोहित, दीपांशु पांडे, वसीम राजा कमल सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित रहे।

मुख्य समन्वयक अभिषेक आचार्य ने बताया कि विख्यात नाटककार अर्जुन देव चारण के सानिध्य में चल रहे इस समारोह के चौथे दिन, 20 फरवरी को, आयोजक संस्था संकल्प नाट्य समिति द्वारा दीपांकर चौधरी के निर्देशन में नाटक ‘उधार का पति’ का मंचन किया जाएगा।