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RAJASTHAN EDUCATION : 4725 वाइस प्रिंसिपल की पोस्टिंग के बाद भी 1300 पर सवाल !

  • कोर्ट के आदेश का असर: प्रमोशन हुआ, काउंसलिंग हुई, विकल्प लिये लेकिन नियुक्ति कहां होगी यह नहीं बताया
  • शिक्षक संगठन ने उठाई मांग: नियुक्ति भले ही बाद में देना लेकिन पदस्थापन स्थान अभी बताना चाहिये

RNE, BIKANER .

राजस्थान में शिक्षकों को बहुप्रतीक्षित प्रमोशन मिल गया है। सरकारी स्कूलों के 4725 शिक्षकों को पदोन्नत कर वाइस प्रिंसिपल बनाने के साथ ही उन्हें पोस्टिंग दे दी गई है। हालांकि पोस्टिंग तो दे दी गई लेकिन इसमें अब भी एक पेंच फंसा है और उस पेंच की वजह से लगभग 1300 पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को यह पता नहीं चल पाया है कि उन्हें कहां नियुक्ति मिलेगी। हालांकि उनका प्रमोशन होने के साथ ही काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उनसे विकल्प भी ले लिये गए हैं।

मामला यह है :

दरअसल राजस्थान में 4275 वाइस प्रिंसिपल की पोस्टिंग के आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किए। निदेशक आशीष मोदी ने वाइस प्रिंसिपल को 23 जुलाई तक कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए हैं। अधिकांश को अपने गृह क्षेत्र के आस-पास ही पोस्टिंग मिल गई है वहीं कुछ को पुराने स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के रूप में काम का अवसर मिला है। वजह, ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत टीचर्स को उनके ही स्कूल में पोस्टिंग मिली है क्योंकि वहां पद पहले से खाली थे।

 

छह हजार से ज्यादा वाइस प्रिंसिपल बने, पोस्टिंग 4275 ही !

प्रमोशन और पोस्टिंग के साथ ही एक सवाल यह खड़ा हो गया है कि जब शिक्षा विभाग ने पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल की सूची जारी की थी तो उसमें 6000 से ज्यादा पात्र अध्यापकों के नाम थे। अब पदस्थापन किया गया है तब 4275 को पोस्टिंग दी गई है। ऐसे में लगभग 1300 पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल का क्या हुआ? यह सवाल शिक्षा निदेशालय के गलियारों से लेकर शिक्षक संगठनों के कार्यालय तक में गूंज रहा है।

 

जवाब यह है :

दरअसल इस पूरी प्रक्रिया एक न्यायिक वाद का प्रभाव है। शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने पदोन्नति और पदस्थापन आदेश जारी करते हुए भी ऐसे वाद का जिक्र किया है। आदेश में डीबी स्पेशल अपील संख्या 461/2023 का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा पारित अन्तरिम आदेश के अनुसार ऑनलाइन काउंसिलिंग के जरिये पदस्थापित किया जाता है। इसके लिए कई शर्तें तय की गई है। इन्हीं में पहली शर्त यह है कि पदोन्नति पदस्थापन न्यायिक प्रकरणों में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन होगा। ऐसे में इसी आदेश या वाद का असर है कि लगभग 1300 पदोन्नत शिक्षकों को अब तक नया पदस्थापन स्थान नहीं बताया जा सका है।

शिक्षक नेता बोले- पोस्टिंग की जगह बतानी चाहिए :

इन सबके बीच शिक्षक नेताओं ने पोस्टिंग वाली जगह नहीं बताने पर सवाल भी उठाया। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री शिवशंकर शर्मा ने इस संबंध में मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को पत्र भी दिया है। शिवशंकर शर्मा का कहना है, नियुक्ति स्थल बताने से वंचितों में अधिकांश महिलाएं, दिव्यांग आदि हैं। ऐसे कार्मिकों का भले ही पदस्थापन बाद में किया जाये लेकिन काउंसिलिंग में दिये गए विकल्प के आधार पर पोस्टिंग कहां दी जाएगी यह अभी बताया जा सकता हैं। इससे एक और जहां पदोन्नत शिक्षकों को अपने पदस्थापन वाली स्कूल का पता होगा वहीं काउंसिलिंग की पारदर्शिता का भी सकारात्मक संदेश जाएगा।