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आरएलपी-कांग्रेस में गठबंधन की संभावनाएं कम! कांग्रेस ने अभी नागौर में कैंडीडेंट घोषित नहीं किया था

  • हरीश चौधरी बोले, उम्मेदारामजी ने सामने चुनाव लड़ा लेकिन आदर्श व्यवहार रहा, कभी ओछे शब्दों का प्रयोग नहीं किया
  • बाड़मेर-जैसलमेर में कांग्रेस को मिलेगा बड़ा लाभ
  • जस्साराम चौधरी भी कांग्रेस में शामिल

RNE, BIKANER .

लोकसभा चुनाव से पहले अब तक राजस्थान में कांग्रेस-भाजपा को ही झटके लग रहे थे और दोनों दलों के नाराज नेता पार्टियां छोड़कर दूसरी जगह जा रहे थे लेकिन शनिवार को हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को भी जैसलमेर-बाड़मेर में बड़ा झटका लगा है।

रालोपा से दो बार एमएलए चुनाव लड़े और हाल ही विधानसभा चुनाव में हरीश चौधरी से लगभग 900 वोटों से हारे उम्मेदाराम बेनीवाल ने रालोपा छोड़ दी। इसके साथ ही शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी और हरीश चौधरी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उनके सामने चुनाव लड़कर जीते हरीश चौधरी ने कहा, उम्मेदाराम ने सामने चुनाव लड़ा लेकिन आदर्श राजनीति की। कभी ओछे शब्दों का उपयोग नहीं किया।

जैसलमेर-बाड़मेर सीट पर प्रभाव :

उम्मेदाराम बेनीवाल के कांग्रेस ज्वाइन करने से जैसलमेर-बाड़मेर लोकसभा सीट पर फर्क पड़ेगा। कांग्रेस ने अभी यहां अपना कैडीडेट घोषित नहीं किया है। ऐसे में अब कैंडीडेट को लेकर भी चर्चा चलने लगी है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे जस्साराम चौधरी ने भी इसके साथ ही कांग्रेस ज्वाइन की है।

गठबंधन पर सवाल :

उम्मेदाराम बेनीवाल के पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने से रालोपा-कांग्रेस में गठबंधन के लिए बन रही उम्मीदों को धक्का लगा है। कांग्रेस ने इस गठबंधन की उम्मीद में ही नागौर, जैसलमेर-बाड़मेर सहित कई सीटों से अभी अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किये हैं।