राजस्थान के दो सांसदों के नाम सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड: इनमें एक विख्यात महिला सांसद शामिल
चुनावी पड़ताल
- बीकानेर के महाराजा करणीसिंह ने देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी
- राजस्थान के दो सांसदों के नाम सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड: इनमें एक विख्यात महिला सांसद शामिल
- रामविलास पासवान इकलौते ऐसे सांसद रहे जिन्होंने दो बार सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की
- सी आर पाटिल ने वर्ष 2019 के चुनाव में 689668 वोटों की सबसे बड़ी जीत दर्ज की।
- अनिल बासु के नाम अब तक की दूसरी सबसे बड़ी लोकसभा चुनाव की जीत दर्ज है
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वडोदरा से सबसे बड़ी जीत हासिल की, यह अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है
- 1984 में राजीव गांधी सबसे अधिक वोटों से जीते
धीरेन्द्र आचार्य
RNE,BIKANER .
देश में लोकसभा के 17 चुनाव हो चुके हैं और 18वीं लोकसभा के लिए फिर वोटिंग होने वाली है। ऐसे में अब तक हुए 17 चुनावों में कई ऐसे रोचक और चौंकाने वाले किस्से सामने आए हैं जिन्हें लोग अब भी याद करते हैं। कई रिकॉर्ड भी बने हैं। मसलन, हर चुनाव में एक सांसद ऐसा होता है जो सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करता है। जाहिर है कि 17 चुनावों में 17 बार यह रिकॉर्ड बन चुका है।
एक रोचक बात यह है कि अब एक ही सांसद ऐसा रहा है जिसने दो बार सबसे ज्यादा वोटों से जीत का रिकॉर्ड बनाया है। वे सांसद रहे है स्व.रामविलास पासवान। पासवान ने हाजीपुर सीट से 1977 के चुनाव में 424545 वोटों से जीत दर्ज की।
उस वक्त वे भारतीय लोकदल के कैंडीडेट थे। इसी हाजीपुर सीट से उन्होंने 1989 में भी देश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और 504448 वोटों से जीते थे।
वैसे अब तक के 17 चुनावों में सर्वाधिक वोटों से जीत किसी की है तो वह है सी.आर. पाटिल की। भाजपा के सी आर पाटिल ने वर्ष 2019 के चुनाव में 689668 वोटों से जीत दर्ज की। उन्होंने गुजरात की नवसारी सीट से चुनाव लड़ा था।
एक चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। मोदी ने 2014 के चुनाव में गुजरात की वडोदरा सीट से 570128 वोटों से जीत दर्ज की थी। ऐसे में मोदी अब तक के सभी चुनावों में हुई बड़ी जीत के लिहाज से तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर माकपा के अनिल बसु हैं जिन्होंने 2004 में आरामबाग सीट 592502 वोटों से जीती।
राजस्थान की इस महारानी ने बनाया पहला रिकॉर्ड :
उसे दुनिया की 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक माना जाता था। वो इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी आलोचक थी। उसने बचपन में चीते का शिकार किया था और वो 16 की उम्र में जयपुर की महारानी बन गई थी। जी हां, बात हो रही है महारानी गायत्री देवी की। वे जितनी अपनी सुंदरता, साहस और शौक की वजह से जानी जाती है उतनी ही अपने राजनीतिक वर्चस्व के लिए भी पहचान है।
1.57 लाख की सबसे बड़ी जीत :
इन्हीं गायत्री देवी ने 1962 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कुल 2,50,272 वैलिड वोट पड़े। मैदान में 11 प्रत्याशी थे। अकेले महारानी गायत्री देवी ने इनमें से 192909 यानी लगभग 77.08 प्रतिशत वोट ले लिये। उन्होंने कांग्रेस की विद्यादेवी को 157692 वोटों से हरा दिया। वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव की यह सबसे बड़ी जीत थी। यहां एक रोचक बात यह भी है कि गायत्री देवी को कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया। वे इसके लिए तैयार नहीं हुई और राजगोपालाचारी की ओर से बनाई गई स्वतंत्र पार्टी के बैनर से चुनाव लड़ा। वे 1962 से 1971 तक लगातार तीन लोकसभा चुनाव लड़ी औी जीतीं। महंगी सिगरेट और सबसे महंगी शिफॉन की साड़ी पहनने वाली गायत्री देवी इंदिरा गांधी के प्रमुख आलोचकों में से एक थी।
बीकानेर के महाराजा ने भी रचा जीत का इतिहास :
देश में सबसे बड़ी जीत का एक रिकॉर्ड बीकानेर के महाराजा डा.करणीसिंह के नाम भी है। सबसे पहले तो यह जान लें कि डा.करणीसिंह बीकानेर के महाराजा होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज भी थे। डा.करणीसिंह क्ले कबूतर ट्रैप और स्कीट में 17 बार नेशनल चैंपियन रहे। वर्ष 1960 से 1980 तक पांच ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले पहले भारतीय थे।
अभी बात चुनाव की :
फिलहाल बात महाराजा या डा.करणीसिंह के राजनीतिक जीवन की हो रही है। डा.करणीसिंह इकलौते ऐसे राजनेता रहे जो लगातार पांच बार बीकानेर के सांसद बने। वर्ष 1952 के पहले चुनाव से लेकर 1972 तक लगातार पांच चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद चुनाव नहीं लड़ा। इस सीट से लगातार पांच बार सांसद रहने का उनका यह रिकॉर्ड अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है। इसके साथ ही एक बड़ा रिकॉर्ड भी है और वह है देश में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड।
1967 के चुनाव में सबसे बड़ी जीत डा.करणीसिंह की :
हालांकि डा.करणीसिंह वर्ष 1952 से ही लगातार चुनाव लड़ रहे थे और अच्छे वोटों से जीत रहे थे। वे हमेशा निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ते रहे महाराजा करणीसिंह जब 1967 में चौथा में चुनाव लड़ रहे थे उस वक्त शायद उनके मन में कहीं न कहीं पिछले चुनाव में जयपुर की महारानी गायत्री देवी की सबसे बड़ी जीत एक चुनौती के रूप में थी। बताया जाता है कि अपने चौथे चुनाव में उन्होंने सबसे ज्यादा प्रचार भी किया और लोगों से मिले। नतीजा यह हुआ कि इस चुनाव में उन्हें देशभर की सबसे बड़ी जीत उनके नाम दर्ज हुई।
कितने वोट पड़े, कितने मिले :
वर्ष 1967 के चुनाव में बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में 303703 वैलिड वोट गिने गये। इनमें से डा.करणीसिंह ने 215636 यानी लगभग 71 प्रतिशत वोट ले लिये। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अक्षयचंद्र गोदारा को महज 21820 वोट मिले। ऐसे में डा.करणीसिंह ने 193816 वोटों से जीत दर्ज की। यह उस चुनाव की सबसे बड़ी जीत थी। इस चुनाव में कुल आठ प्रत्याशी मैदान में थे।
रोचक संयोग : दोनों की पोतियां विधायक
आज के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो उस जमाने में लगातार जीत दर्ज करने और सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले राजस्थान के दोनों सांसदों की पोतियां अब राजनीति में हैं। दोनों राजस्थान से विधायक हैं। दोनों ही भाजपा में हैं। जी हां, बात हो रही है दीया कुमारी और सिद्धी कुमारी की।
उप मुख्यत्री दीया कुमारी महारानी गायत्री देवी के सौतेले बेटे भवानीसिंह की बेटी है। मतलब यह कि दोनों के बीच दादी-पोती का रिश्ता है। इसी तरह बीकानेर पूर्व विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक बनी सिद्धी कुमारी नरेन्द्रसिंहजी बेटी है। नरेन्द्रसिंह महाराजा करणीसिंह के बेटे थे। मतलब यह कि दादा-दादी की विरासत को पोतियां संभाल रही हैं।
अब तक के चुनावों में कब, किसे मिली सबसे बड़ी जीत
1962-2019 | ||||
वर्ष | प्रत्ययशी | सीट | पार्टी | जीत का आंकड़ा |
1962 | गायत्री देवी | जयपुर | स्वतंत्र | 157692 |
1967 | डॉ. करणसिंह | बीकानेर | निर्दलीय | 193816 |
1971 | एम.एस.संजीवी राव | काकीनाडा | कांग्रेस | 292926 |
1977 | रामविलास पासवान | हाजीपुर | भालोद | 424545 |
1980 | महाराजा मार्तंड सिंह | रेवा | निर्दलीय | 238251 |
1984 | राजीव गांधी | अमेठी | कांग्रेस | 314878 |
1989 | रामविलास पासवान | हाजीपुर | जनतादल | 504448 |
1991 | संतोष मोहन देव | त्रिपुरा वेस्ट | कांग्रेस | 428984 |
1996 | सोमू एनवीएन | सोमू एनवीएन | डीएमके | 389617 |
1998 | डा.के.वी. रामजीभाई | राजकोट | भाजपा | 389617 |
1999 | के.ए.संगताम | नागालैंड | कांग्रेस | 353598 |
2004 | अनिल बासु | आरामबाग | सीपीआई-एम | 592502 |
2009 | सी.एम.चांग | नागालैंड | एनपीएफ | 483021 |
2014 | नरेन्द्र मोदी | वडोदरा | भाजपा | 570128 |
2019 | सी.आर.पाटिल | नवसारी | भाजपा | 689668 |