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कांवटिया हॉस्पिटल : डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत, डॉ. मनोज सस्पेंड, सुपरिटेंडेंट डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को नोटिस

  • प्रसव पीड़ा से छटपटाती नीलम को हॉस्पिटल से बाहर भेजा, चबूतरे पर हो गया प्रसव

RNE, STATE BUREAU .

अस्पताल में गर्भवती महिला का खुले में प्रसव होने के प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तीन रेजीडेंट चिकित्सकों डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत एवं डॉ. मनोज को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई : शुभ्रासिंह

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रकरण सामने आने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम दृष्टया रेजीडेंट डॉक्टर डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत एवं डॉ. मनोज की गंभीर लापरवाही एवं संवेदनहीनता सामने आई है। जांच समिति की रिपोर्ट के उपरांत एसएमएस मेडिकल कॉलेज की अनुशासनात्मक समिति की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार इन तीनों रेजीडेंट चिकित्सकों को निलम्बित किया गया है। साथ ही पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

मामला यह है :

जयपुर के कांवटिया हॉस्पिटल में बुधवार शाम को अशोक वर्मा अपनी गर्भवती पत्नी नीलम को लेकर पहुंचे थे। डाक्टर्स ने गर्भवती महिला को जनाना हॉस्पिटल के लिए रैफर कर दिया। महिला को तेज प्रसव पीड़ा हो रही थी। परिजनों ने कांवटिया हॉस्पिटल में ही भर्ती करने को कहा तो डॉक्टर्स, नर्सेज ने बहस करते हुए उन्हें बाहर जाने के लिए कह दिया। यह जानते हुए भी कि महिला को कभी भी प्रसव हो सकता है उन्होंने उसे एंबुलेंस या स्टाफ के साथ भेजने की जरूरत भी नहीं समझी। परिजन नीलम को लेकर बाहर निकले तो दर्द बहुत तेज होने लगा। उसे चबूतरे पर बिठाया तो प्रसव होने लगा और उसने बाहर ही बेटी को जन्म दे दिया।

दुर्भाग्यपूर्ण घटना : शुभ्रासिंह

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह ने कहा कि जयपुर के कांवटिया अस्पताल में एक महिला का अस्पताल के गेट पर प्रसव होने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है। मानवीयता से जुड़े चिकित्सकीय पेशे में ऐसे असंवेदनशील व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी के चलते चिकित्सकों ने गर्भवती महिला को जनाना अस्पताल रेफर करने की सलाह दी थी, लेकिन स्पष्ट रूप से रेफर नहीं किए जाने के कारण भ्रामक स्थिति पैदा हुई और महिला अस्पताल से बाहर आ गई तथा उसका खुले में प्रसव हो गया।


उल्लेखनीय है कि कांवटिया अस्पताल में खुले में प्रसव प्रकरण संज्ञान में आते ही अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभाग के उच्च अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से मौके पर भेजा था। साथ ही अगले दिन ही विस्तृत जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी थी।