कांग्रेस का 5 युवाओं को मैदान में उतारना नई राजनीति का संकेत, पायलट इफेक्ट पर दारोमदार
RNE, BIKANER .
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पिछले दो चुनावों 2014 व 2019 में राज्य की सभी सीटें हार चुकी कांग्रेस इस बार भाजपा की हैट्रिक को रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इस आस में उसने अपनी रणनीति में भी बड़ा बदलाव किया है। विधानसभा चुनाव की गलती न दोहराते हुवै इस बार कांग्रेस ने गठबंधन की राजनीति को अपनाया। माकपा के लिए कांग्रेस ने सीकर व रालोपा के लिए नागौर की सीट छोड़ी है। ये निर्णय इन दलों के अन्य सीटों के वोट बैंक को अपने साथ लेना है। ताकि पिछली हार से उबरा जा सके।
कांग्रेस ने अपनी रणनीति में जो दूसरा बदलाव किया है वो है युवाओं को मैदान में उतारना ताकि भाजपा के उम्मीदवार बदलाव की रणनीति को जवाब दिया जा सके। इस चुनाव से पिछले चुनाव में जब सचिन पायलट थे तब भी नया प्रयोग हुआ और युवाओं को टिकट मिला। उसका नतीजा भी सकारात्मक रहा और कांग्रेस सत्ता में आई, सरकार बनाई। उस समय ही मुकेश भाकर, रामनिवास गवाड़िया, मनीष यादव, अभिमन्यू पूनिया, रुपिंदर सिंह कुन्नर जैसे युवा राजनीतिक चेहरे उभरे।
इस बार जब लोकसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई तब सचिन ने युवाओ को उतारने का सुझाव दिया, जिस पर कोई असहमति नहीं थी। पायलट अब एआईसीसी के महासचिव है और सीडब्ल्यूसी के सदस्य भी है, तो उनका दखल रहना स्वाभाविक है। जिन उम्मीदवारों की घोषणा हुई उनमें 4 युवा चेहरे शामिल है, इसे पायलट इफेक्ट कहा जा रहा है। इस बार उम्मीदवार बदलते हुए कांग्रेस ने जयपुर ग्रामीण से पायलट के विश्वस्त अनिल चोपड़ा को, पाली से संगीता बेनीवाल को, जोधपुर से करणसिंह उचियारड़ा को व श्रीगंगानगर से कुलदीप इंदौरा को पहली बार लोकसभा के रण में उतारा गया है।
ठीक इसी तरह भरतपुर लोकसभा सीट से 25 साल की संजना जाटव को टिकट देने की पैरवी पायलट की ही मानी जाती है। जाटव विधानसभा का चुनाव मात्र 409 वोटों से हार गई थी मगर फिर भी युवा होने के नाते सचिन ने पक्ष लिया और कांग्रेस ने भी मंथन के बाद टिकट दे दिया। यदि संजना जाटव चुनाव जीतती है तो वो पायलट का ही सबसे कम उम्र में सांसद बनने का रिकॉर्ड तोड़ेगी। पायलट अभी छत्तीसगढ़ के भी प्रभारी है और वहां भी उन्होंने युवाओं का ही पक्ष अधिक लिया। छत्तीसगढ़ में सरगुजा से शशि सिंह, बिलासपुर से देवेंद्र यादव और रायपुर से विकास उपाध्याय को टिकट मिला है, इसे भी पायलट इफेक्ट माना जा रहा है। पर ये तो स्पष्ट है कि कांग्रेस ने इस बार युवाओं पर भी भरोसा किया है। राजस्थान के लिए कांग्रेस ने स्टार कैम्पेनर्स की जो सूची जारी की है उसमें भी युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा व प्रदेश एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज पांडे जैसे युवाओं का नाम बदलाव का संकेत है। राजस्थान में उतरे युवा क्या कमाल दिखाते हैं, उससे ही भविष्य की कांग्रेस की राजनीति स्पष्ट होगी।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘