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स्ट्रीट लाइट के 19 लाख बकाया, फुल पेमेंट के बदले 4.25 प्रतिशत के हिसाब से मांगे 80 हजार

  • बारगेनिंग के बाद 70 हजार में फैसला, पैसा लेते पकड़े गणेश कलवाणी, मनीष खत्री

आरएनई, बीकानेर।

बीकानेर यूआईटी में भ्रष्टाचार की बातें तो हर दिन मुंहजबानी आती है लेकिन रिश्वतखोरी का सिस्टम कितना नपा-तुला है इसका हैरान करने वाला खुलासा शुक्रवार को एसीबी टीम ने किया। रिश्वत लेते पकड़े गए दो कर्मचारियों और इन्हें पकड़ने से जुड़ी जो कहानी सामने आई है, उससे पूरे ‘कुए में भांग’ की आशंका बलवती होती है।

पहले जानिये मामला क्या है :

एंटी करप्शन ब्यूरो की बीकानेर यूनिट ने शुक्रवार को यूआईटी में दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा। ये कर्मचारी है कैशियर गणेश कलवाणी और मनीष खत्री। इनसे रिश्वत के 70 हजार रूपए बरामद हुए।

19 लाख के स्ट्रीट लाइट पेमेंट के बदले में सवा चार प्रतिशत रिश्वत :एसीबी के पुलिस निरीक्षक आनंद मिश्रा की टीम ने दोनों यूआईटी कर्मचारियों को पकड़ने के साथ जो खुलासा किया वह काफी चौंकाने वाला है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उदय बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने स्ट्रीट लाइट, पार्क लाइट का काम किया था। इसके पेटे लगभग 7.50 लाख रूपए पुराने बकाया थे। इसके साथ ही मेंटीनेंस सहित बाकी काम के भी लगभग 12 लाख रूपए बकाया थे। भुगतान के लिए चक्कर लगवाए जा रहे थे। कंपनी के सुपरवाइजर अशोक कुमारने एंटी करप्शन ब्यूरो को बताया कि भुगतान के बदले लगभग 80 हजार रूपए की रिश्वत गणेश कलवाणी और मनीष खत्री ने मांगी है।

यूं फंसे एसीबी के शिकंजे में :

एंटी करप्श्पन ब्यूरो की टीम ने 07 फरवरी को मनीष कुमार की रैकी की। उस दिन फर्म का पिछला बकाया लगभग साढ़े सात लाख रूपए का पेमेंट कर दिया गया। इसी दिन मनीष कुमार का नाम रिश्वत मांगने में आया और एसीबी ने इसका सत्यापन कर लिया। अगले ही दिन यानी आठ फरवरी को बाकी पेमेंट की बात करने अशोक कुमार को भेजा। इस दिन गणेश कलवाणी का सत्यापन हो गया। फुल एंड फाइनल पेमेंट लगभग 19 लाख माना। यह भुगतान करने के बदले 4.25 प्रतिशत के हिसाब से 80 हजार रूपए की मांग रखी। मोलभाव करने के बाद 70 हजार पर सहमति हो गई।

पैसे लेते धरे गए, कहा-सबका हिस्सा है :

इस सत्यापन के साथ एसीबी ने ट्रैप प्लान किया और आज यानी 09 फरवरी को पैसे लेते हुए गणेश कलवाणी और मनीष खत्री पकड़े गए। एसीबी अधिकारियों से मीडिया से बातचीत में माना कि आरोपियों ने इस राशि में सभी का हिस्सा होने की बात कही है। ऐसे में सब कौन-कौन है? किसके हिस्से मंे कितने आते हैं? हर महीने कितना भुगतान होता है और कितना रिश्वतखोरी में चला जाता है इसके बारे में भी एसीबी पता लगा सकती है।

जीरो टोलरेंस : मुख्यालय के निर्देश पर कार्रवाई

राज्य में नई सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भजनलाल ने सबसे पहला संदेश दिया गया है, जीरो टोलरेंस। ऐसे में यह कार्रवाई भी उसी कड़ी में है। इसके लिए ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर बीकानेर इकाई द्वारा आज कार्यवाही करते हुये कनिष्ठ लेखाकार एवं कैशियर, नगर विकास न्यास (यू.आई.टी.), बीकानेर को परिवादी से 70 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी बीकानेर के उप महानिरीक्षक पुलिस हरेन्द्र महावर के सुपरवीजन में एसीबी बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कर पुलिस निरीक्षक आनन्द मिश्रा द्वारा मय टीम कार्यवाही की गई। एसीबी के उप महानिरीक्षक पुलिस हरेन्द्र महावर के निर्देशन में आरोपी से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।

कोई रिश्वत मांगे तो 94135-02834 पर बताएं :

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि ब्यूरो की हैल्पलाईन नं. 1064 एवं whatsapp हैल्पलाईन नं. 94135-02834 पर 24X7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी।