Skip to main content

मतदान पर्ची वितरण में मिले ऐसे मतदाता जिन्होंने आजादी से लेकर आज तक सभी 17 लोकसभा चुनाव में मतदान किया

स्वीप कार्यक्रम

आरएनई,नोखा। 

लोकसभा आम चुनाव – 2024 के कार्यक्रमानुसार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बीकानेर में मतदान दिनांक 19 अप्रैल को होना।। इस सम्बंध में निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पर्ची कार्यक्रम के तहत नोखा विधानसभा के ग्राम पंचायत नोखागाँव मे आज बीएलओ के द्वारा पर्ची वितरण कार्यक्रम में भाग संख्या 84, 85, 86,87 में भाग संख्या 86 के बीएलओ मुकेश दाधीच को एक वोटर भींयाराम गोदारा जिनका देश की आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव में मतदान किया गया। उससे लेकर आज तक 17 लोकसभा चुनाव में हमेशा मतदान किया।। और इस बार भी बूथ पर चलकर मतदान करेंगे।

“1952 में किया था मतदान
भींयाराम गोदारा का जन्म 1 जनवरी 1927 को राजस्थान बीकानेर जिले के नोखागांव में हुआ। वह एक किसान पुत्र है 1952 में हुए स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सबसे पहला मतदान किया था। 1947 में ब्रिटिश राज के अंत के बाद देश के पहले आम चुनाव बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में 27 मार्च 1952 में हुए थे।

भींयाराम गोदारा ने 1952 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है। 1952 के पहले आम चुनाव मे मतदान केंद्र सलूण्डिया गांव मे था।
कमज़ोर आंखें, बूढ़ा शरीर और लड़खड़ाते पांव, आज भी जज़्बे, जोश और जुनून की कहानी बयान करते है। भींयाराम गोदारा आज़ाद भारत के पहले और सब से बुज़ुर्ग वोटर हैं। गोदारा करीब 17 लोकसभा और 16 विधानसभा चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल कर चुके हैं।

25 साल की उम्र में डाला था पहला वोट
भींयाराम गोदारा ने बताया कि उन्होंने पहली बार जब वोट किया था, तब वह 25 साल के थे। तब से लेकर आज तक उन्होंने कभी भी अपना वोट बेकार नहीं किया। भींयाराम गोदारा राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखागांव‌ के है 27 मार्च, 1952 की सुबह 7 बजे उन्होंने सलूण्डिया गांव की मतपेटी में अपना मतपत्र डाला। बाहर निकलने के बाद उन्हें पता चला कि वो उस पोलिंग बूथ में वोट डालने वाले पहले इंसान हैं। शाम होते-होते खबर आई कि भींयाराम उस पोलिंग बूथ में वोट डालने वाले पहले इंसान हैं।

भारत का पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 को शुरू हुआ था और लगभग छ महीने तक चला। भारत का पहला आम चुनाव 27 मार्च, 1952 को संपन्न हुआ था। भारत में चुनाव इसलिए भी खास था, क्योंकि पश्चिमी देशों में जहां कुछ विशेष (पढ़ें अमीर) लोगों के पास ही वोटिंग का अधिकार था, वहां नया-नया आज़ाद हुआ भारत 21 साल से ऊपर के अपने हर नागरिक को वोट डालने का अधिकार दे रहा था। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वोटिंग की उम्र को 21 से घटाकर 18 साल कर दिया था।