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दूसरे चरण में है गहलोत, राजे, सचिन की अग्नि परीक्षा, बाड़मेर, पाली, जोधपुर पर भी नजरें

RNE, BIKANER .

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कल राज्य की 12 सीटों पर मतदान हो गया। वोटर का निर्णय क्या है, इसका पता तो 4 जून को लगेगा। पहले चरण में चूरू, नागौर व दौसा सीटें हॉट थी। नागौर व चूरू में तो चुनावी माहौल भी तनावपूर्ण रहा। क्योंकि ये दोनों जाटलेंड की सीटें थी। दोनों पर इसी समाज से पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे थे। दौसा सीट को हॉट इस वजह से माना गया था क्योंकि यहां सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई थी। कांग्रेस उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा उनके निकटस्थ है और ये टिकट भी पायलट के खाते में था।


पहले चरण में दो केंद्रीय मंत्रियों भूपेंद्र यादव व अर्जुनराम मेघवाल की सीटों पर वोट पड़ गये। दूसरे चरण में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में कुल 13 सीटों पर वोट पड़ेंगे।


इस चरण में सबकी नजरें जालौर, झालावाड़ व दौसा सीटों पर है। जालौर से इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत चुनाव लड़ रहे हैं तो झालावाड़ से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चौथा चुनाव लड़ रहे हैं। दौसा सीट सचिन पायलट की परंपरागत सीट है। यहां से उनके पिता राजेश पायलट व वे स्वयं सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर हरीश मीणा को टिकट भी उनके ही खाते में दिया है। मीणा गहलोत से टकराहट के समय सचिन के साथ ही रहे थे। इसलिए तीन दिग्गजों गहलोत, राजे व पायलट के कारण ये तीनों सीटें खास बनी हुई है दूसरे चरण में।


जालौर में पूरा चुनाव अशोक गहलोत की देखरेख में लड़ा जा रहा है। हालांकि वे अन्य सीटों पर भी प्रचार के लिए जा रहे हैं मगर अपनी राज्य की पूरी टीम को उन्होंने यहां उतार रखा है। प्रियंका गांधी भी यहां चुनावी सभा कर चुकी है। झालावाड़ सीट पर दुष्यंत सिंह के चुनाव की पूरी कमान वसुंधरा राजे ने संभाल रखी है। इस लोकसभा चुनाव में वे किसी अन्य क्षेत्र में प्रचार करते हुए भी नहीं नजर आयी है। यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा चुनावी सभा कर चुके हैं। सचिन पायलट ने पूरी ताकत दौसा में लगाई है। वक़्त मिलते ही दौसा जाते हैं और प्रचार करते हैं। वे राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी पार्टी के प्रचार के लिए जा रहे हैं मगर दौसा को भी लगातार टच कर रहे हैं। गुर्जर, मीणा व मुस्लिम मतों के त्रिकोण को साधने का काम इस सीट पर हो रहा है।


इन तीन सीटों के अलावा जाटलेंड की सीट बाड़मेर पर भी सबकी निगाहें है। कांग्रेस व भाजपा की लड़ाई को निर्दलीय रवींद्र सिंह भाटी ने त्रिकोण में बदल दिया है इस कारण यहां रोचक चुनावी मुकाबला है। जाट वोट जोधपुर व पाली की सीटों पर भी बड़ा असर डालेंगे। इस कारण यहां के चुनाव को लेकर भी लोगों में उत्सुकता है। कुल मिलाकर राज्य में पहले चरण के चुनाव की तरह दूसरे चरण का चुनाव भी कांटे का है और लोगों में इसको लेकर कौतूहल भी है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘