मदरसों के बच्चों को बड़े शहरों में मजदूरी के लिए भेजा, बदले में वसूली मोटी रकम
आरएनई,नेशनल ब्यूरो।
मदरसों में पढ़ाई की आड़ में बच्चों की तस्करी का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। पुलिस ने 5 मौलवियों अरेस्ट कर 99 बच्चे बरामद किए हैं।
तफ्तीश के दौरान खुलासा हुआ कि बच्चों से मदरसों में पढ़ाई के नाम पर उनसे मजदूरी कराई गई और पीटा भी गया। मामला अयोध्या और सहारनपुर का है। पुलिस गिरफ्तार किए गए पांच मौलवियों से कड़ी पूछताछ कर रही है।
शबे नूर मुख्य सरगना
राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी से बच्चों ने बताया कि बिहार के अररिया जिले के गांव करहरा निवासी शबे नूर उन्हें अलग-अलग मदरसों में भेजने का काम करता है। शबे नूर को बच्चे मामू कहते हैं। वह सहारनपुर के साथ ही दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, औरंगाबाद, बंगलूरू और आजमगढ़ के मदरसों में भी बच्चों को भेजता है। इसके बदले उसे मोटी रकम मिलती है।
शुक्रवार को सहारनपुर के दारुल उलूम रफाकिया मदरसा संचालक तौसीफ और दारे अरकम के रिजवान बच्चों को बस से ले जा रहे थे, जिन्हें राज्य बाल संरक्षण आयोग की पहल पर शुक्रवार को अयोध्या से मुक्त कराया गया। बस से मिले पांच मौलवियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है, वहीं बच्चों को लखनऊ स्थित मुमताल शरणालय में रखा गया। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि कुछ बच्चों के माता-पिता अयोध्या पहुंच गए हैं, कुछ पहुंच रहे हैं। उनके आने पर हलफनामा लेकर बच्चों को सौंप दिया जाएगा।
तैयार होता है हलफनामा
मदरसा संचालक हलफनामा तैयार कराते हैं, जिसमें लिखा होता है कि सभी तरह की जिम्मेदारी बच्चों की ही होगी। ऐसे में यदि किसी की मौत भी होती है तो संचालक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। इसकी जानकारी अभिभावकों को नहीं होती। उस पर बच्चों के ही दस्तखत होते हैं।