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Bikaner : 50 साल का हुआ लालाणी चौक का ‘हिरणा-किसना’ मेला, इस बार खास धूमधाम

एक शाम, भगवान नृसिंह के नाम 20 को:

रूपनारायण पुरोहित ‘मास्टरजी’ सहित प्रमुख किरदारों का सम्मान

RNE Bikaner.

‘हिरणा रे किसना गोविंदा पैळाद भजे..’ पंक्ति पढ़ते-सुनते ही बीकानेर में रहने वाले और यहां से जुड़े लोगों के दिलो-दिमाग में घूमने लगती है आस्था के उत्साह से सराबोर नृसिंह मेले की तस्वीर। हर साल नृसिंह चतुर्दशी पर होने वाला यह मेला यूं तो शहर में कई जगह होता है और इस बार भी होगा लेकिन लालाणी व्यास चौक में इस बार मेले को लेकर खास तैयारियां हो रही हैं।

अब तक के सभी मेलों में सक्रिय भागीदार रहे आयोजन से जुड़े कर्मचारी नेता रामकुमार पुरोहित कहते हैं, खास इसलिये होगा क्योंकि इस बार यहां नृसिंह जयंती मेला 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में कई विशेष आयोजन होंगे।

मेले के लिए बनी आयोजन समिति के संयोजक एडवोकेट ललित नारायण पुरोहित कहते हैं, 50वें वर्ष के मौके पर मेले की पूर्व संध्या यानी 20 मई को ‘एक शाम भगवान नृसिंह के नाम’ आयोजित होगी। गोपीनाथ भवन मंे होने वाले इस आयोजन में भक्तिरस की स्वरलहरियां बहेगी, विशिष्टजनों का सम्मान होगा। इसके साथ ही मेले के अगले दिन महाप्रसाद का आयोजन होगा।

50 वर्षीय यात्रा के सारथी ‘मास्टरजी’:

लालाणी व्यास चौक मेले के 50 वर्ष की यात्रा का जिक्र करने पर हर जुबान पर ही नाम आता है, रूपनारायण पुरोहित जिनको छोटे-बड़े सभी एक ही संबोधन से पुकारते हैं ‘मास्टरजी’।

मास्टरजी ने ही 50 साल पहले यहां मेले की शुरूआत की। कम संसाधनों के बावजूद शुरू किये गए मेले में कुछ साल पहले तक दीवार पर भगवान नृसिंह देव का फोटो बनाकर उनके सामने लीला मंचित की जाती थी। अब उनके परिवार के प्रयास से इस चौक में भगवन नृसिंह देव का मंदिर बन गया।

सब नृसिंह देव की लीला : 

इतना सबकुछ कैसे कर पाए? सवाल पर बुजुर्ग मास्टरजी कहते हैं, ‘आस्था की ताकत हर मुश्किल को आसान कर देती है। बस, मन में विश्वास और पूरी क्षमता से प्रयास की जरूरत है।’ हालांकि वे किसी बात का श्रेय खुद नहीं लेते। कहते हैं, सब नृसिंहदेव की लीला है।

कुल मिलाकर एक टीम जुटी है जो इस बार लालाणी व्यास चौक के नृसिंह मेले को खास और भव्य बनाने के सभी प्रयास कर रही है। इस टीम के हर सदस्य के जुबान पर बस ये चार शब्द हैं “नृसिंह देव की जय।”