अलविदा कमला बेनीवाल: 97 की उम्र, 07 बार विधायक, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल रही
- कमला बेनीवाल : जन्म: 12 जनवरी 1927, निधन : 15 मई 2024
आरएनई, नेटवर्क।
राजस्थान की राजनीति में महिला नेतृत्व का जीवंत इतिहास मानी जाने वाली कमला बेनीवाल नहीं रही। पिछले कई दिनों से बीमार कमला बेनीवाल ने 97 क उम्र मंे जयपुर के फोर्टिंस हॉस्पिटल में आखरी सांस ली। उनकी पार्थिव देह मालवीय नगर आवास पर दर्शनार्थ रखी गई है। राजस्थान की विधानसभा में चुनाव जीतकर पहुंचने वाली पहली दो महिलाओं में से एक कमला बेनीवाल रहीं। वे सात बार एमएलए रही। राजस्थान की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनने का गौरव भी कमला बेनीवाल के नाम है।
गुजरात की राज्यपाल, मोदी से तकरार:
गुजरात की राज्यपाल रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके रिश्तों को लेकर विवाद की स्थिति बनी रही। उन्हें बाद में मिजोरम की राज्यपाल बनाया गया जहां से कार्यकाल पूरा होने के चार महीने पहले हटा दिया गया।
पार्टी के खिलाफ बेटे के साथ मैदान में उतरी:
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल को शाहपुरा से टिकट नहीं दिया। कमला ने बेटे को निर्दलीय मैदान में उतारा और 92 की उम्र में खुद मैदान में उतरकर बेटे के लिए वोट मांगे। आलोक बेनीवाल ने उस चुनाव में निर्दलीय के तौर पर जीत दर्ज की। कांग्रेस के मनीष यादव को हराया। भाजपा के राव राजेन्द्रसिंह तीसरे नंबर पर रहे।
प्रारंभिक जीवन एवं राजनीति :
कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के गोरिर गांव में जाट परिवार में हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की सबसे वरिष्ठ राजनेता कमला त्रिपुरा, मिज़ोरम और गुजरात की पूर्व राज्यपाल रही। लंबे समय तक राजस्थान की कांग्रेस सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्री पद संभाल चुकी।
कमला की प्रारंभिक शिक्षा झुंझुनू जिले में हुई। हिंदी और संस्कृत- के प्रति अनन्य प्रेम के संस्कार इन्हें कमलाकर ‘कमल’ जैसे महान गुरुओं के अधीन जयपुर के ‘साहित्य सदावर्त’ में पढ़ते हुए मिले| बाद उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र तथा इतिहास में स्नातक की शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से प्राप्त की और अंतत: इतिहास में एम ए की पढ़ाई पूरी की। कमला एक तैराक, घुड़सवार, आर्ट प्रेमी और प्राकृतिक प्रेमी हैं। कमला ने बचपन में ही राजनीति के गुर सीख लिए थे। 11 वर्ष की आयु में इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। इसके लिए उन्हें भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ‘ताम्रपत्र’ सम्मान से सम्मानित कर चुकी हैं।
राजस्थान की पहली महिला मंत्री
अपनी पढ़ाई खत्म कर कमला बेनीवाल ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली। 1954 में 27 वर्षीय कमला विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। वे अशोक गहलोत की सरकार में गृह, शिक्षा और कृषि मंत्रालय सहित कई विभागों की मंत्री रहीं। वे राज्य की उपमुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। कमला 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्यपाल नियुक्त हुईं। इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया था। गुजरात की राज्यपाल बनने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई मसलों पर अनबन हुई जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति भी शामिल है।