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खडूरसाहिब में जेठानंद : जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल मैदान में, इस सीट पर देश की नजर

  • अमृतपाल से चर्चा में आई सीट पर जेठानंद कर रहे प्रचार

आरएनई, बीकानेर।

बीकानेर पश्चिम से भाजपा विधायक और हिन्दूवादी नेता जेठानंद व्यास इन दिनों पंजाब में पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। रोचक बात यह है कि जेठानंद को पार्टी ने जिस लोकसभा क्षेत्र में प्रचार और कार्यकर्ताओं को मोटीवेट करने का जिम्मा दिया है वह है खडूरसाहिब लोकसभा क्षेत्र। एक ऐसी सीट पर जिस पर इस समय पूरे देश की नजर है। यह सीट चर्चा मंे इसलिये है क्योंकि यहां से असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी नेता अमृतपालसिंह भी चुनाव मैदान में हैं।

पहले जानें जेठानंद क्या कर रहे:

बीकानेर के जेठानंद पार्टी के निर्देश पर खडूरसाहिब पहुंचे हैं। वे पिछले तीन दिनों से कार्यकर्ताओं की मंडलवार बैठकें करने, नुक्कड़ मीटिंगें करने और गांव-गांव तक जाकर प्रचार करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में पट्टी विधानसभा क्षेत्र में आमसभा को संबोधित किया। मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की। ‘केरो गांव’ ंमें भी उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की। वे भाजपा प्रत्याशी मनजीतसिंह मन्ना मिंयाविड को जिताने के लिए प्रचार कर रहे हैं।

अब जाने खडूर साहिब चर्चित क्यों:

खडूरसाहिब लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के मंजीतसिंह मन्ना मियांविड कांग्रेस के कुलबीरसिंह जीरा, आम आदमी की पार्टी के लालजीतसिंह भुल्लर, श्रिोमणि अकाली दल के विरसासिंह वल्टोहा मैदान में हैं। इन सबके बीच जो चेहरा ध्यान खींच रहा है वह है खालिस्तान समर्थक अमृतपालसिंह जो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

अकाली दल का दबदबा रहा, सात विधायक ‘आप’ के:

यह सीट पहले तरनतारन नाम से थी और 2009 मंे खडूरसाहिब लोकसभा क्षेत्र के नाम से बनी। खडूरसाहिब सिखों की सबसे पवित्र जगहों में से एक हैं और शिरोमणि अकाली दल का यहां दबदबा रहा है। पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस जसबीरसिंह गिल डिंपा ने बाजी मारी। इस लोकसभा क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में सात पर फिलहाल आप के एमएलए हैं, एक कांग्रेस और एक निर्दलीय के पास है।

बीजेपी का फोकस :

ऐसे में भाजपा के लिए यहां संभावनाएं अब तक काफी कम रही है। भीतरखाने की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार पार्टी के सर्वे में ऐसे सैकड़ों बूथों की जानकारी ली गई है जहां गैरसिख वोट ज्यादा है। अलगाववादी चेहरों के खिलाफ इनका ध्रुवीकरण करने की कोशिश हो रही है। इसी कोशिश मंे हिन्दूवादी या राष्ट्रवादी चेहरों को भी प्रचार में उतारा जा रहा है। जेठानंद व्यास को मिली जिम्मेदारी को भी इसी कड़ी में देखा जा सकता है। वे लगातार भगवा कुर्ता और पाग में इस क्षेत्र में घूम रहे हैं।