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6 महीने में 5 विधानसभा पर होंगे उपचुनाव, भजनलाल व भाजपा के लिए बड़ी चुनोती

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

लोकसभा चुनाव में भजनलाल सरकार व भाजपा राज्य की 25 सीटें जीतकर हैट्रिक नहीं बना सकी। जबकि एक बार वसुंधरा राजे व एक बार कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार रहते हुए भी भाजपा ने प्रदेश सभी 25 लोकसभा सीटें जीती। इस बार ने पार्टी ने ‘ मिशन 25 ‘ तय किया था और वोट मार्जिन भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
मगर लोकसभा चुनाव में न तो मिशन पूरा हुआ और न लक्ष्य की प्राप्ति हो सकी। 25 में से केवल 14 सीट ही भाजपा जीत सकी। यूपी व महाराष्ट्र के बाद भाजपा को सबसे बड़ा झटका राज्य में ही लगा। जबकि राज्य के साथ ही मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनी थी। वहां तो पिछले लोकसभा चुनाव में हारी एक सीट भी जीतकर क्लीन स्वीप किया। राज्य में 14 जीती और एक जयपुर ग्रामीण की सीट तो हारते हारते बची है। मिशन पूरी तरह राज्य में फ्लॉप हो गया।

वोट बढ़ाने का लक्ष्य भी राज्य सरकार व भाजपा प्राप्त नहीं कर पाई। 2019 की तुलना में भाजपा का लोकसभा सीटों पर 9 प्रतिशत से अधिक मतदान गिरा। राज्य की सभी 25 सीटों पर प्रतिशत के हिसाब से भाजपा ने पिछली बार से कम वोट प्राप्त किये। इस बार राज्य के 5 विधायक सांसद बन गये हैं और अब इन सीटों पर विधानसभा के उप चुनाव होने हैं। भजनलाल सरकार आने के बाद अब तक 2 उप चुनाव हुए। पहला श्रीकरणपुर में, जहां कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत कुन्नर की मृत्यु होने के कारण चुनाव टला।

सरकार बनने के बाद चुनाव हुए और भाजपा ने बिना विधायक बने सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री भी बना दिया। मगर टीटी वो उप चुनाव हार गये और कांग्रेस के रुबिन्द्र पाल सिंह चुनाव जीत गये। अभी लोकसभा चुनाव के साथ बागीदौरा सीट पर उप चुनाव हुआ। यहां से जीते कांग्रेस विधायक महेन्द्रजीत सिंह मालवीय भाजपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़े। वो हार गये। बागीदौरा सीट भी कांग्रेस के समर्थन से आदिवासी पार्टी ने जीत ली और भाजपा हार गई।

इस सूरत में अब 6 महीनें के भीतर 5 विधानसभा के उप चुनाव होने है। झुंझनु, दोसा, टोंक, खींवसर व बांसवाड़ा। जहां पहली तीन सीटों पर कांग्रेस के विधायक थे जो अब सांसद बन गये। बाकी दो सीटों पर आदिवासी पार्टी व रालोपा विधायक है जिनका कांग्रेस से गठबंधन है। इस सूरत में इन उप चुनावों को जीतना भजनलाल सरकार व भाजपा के लिए बड़ी चुनोती है।

इसके अलावा साल के अंत मे स्थानीय निकायों के भी चुनाव है। लोकसभा चुनाव के आधार पर देखें तो कांग्रेस व भाजपा का लगभग वही प्रदर्शन रहा है, जो विधानसभा चुनाव में रहा था। इस सूरत में निकायों के चुनाव में भी भाजपा को कड़ी टक्कर मिलेगी। अगले छह महीने में विधानसभा सभा के उप चुनाव व स्थानीय निकायों के चुनाव भजनलाल सरकार व भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा के समान है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद उत्साह में भी है।
— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘