कांग्रेस पदाधिकारियों में बड़े फेरबदल की तैयारी, कईयों की छुट्टी होनी तय, प्रभारी भी बदलेगा
आरएनई ,स्टेट ब्यूरो।
लोकसभा चुनाव के बाद राज्य कांग्रेस में बड़े बदलाव की स्क्रिप्ट तय हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों में कईयों को बदला जायेगा और कईयों को हटाया जायेगा। कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर आलाकमान क्या निर्णय करता है, ये उस पर निर्भर है। हालांकि पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा का भी कार्यकाल पूरा हो रहा। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा, इसको भी आलाकमान को ध्यान रखना होगा।
लेकिन इतना तय है कि अब पीसीसी से लेकर जिला व ब्लॉक स्तर पर फेरबदल होना निश्चित है। विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही पार्टी को लोकसभा चुनाव में उतरना पड़ा था इसलिए संगठन में छेड़छाड़ नहीं की गई थी। अनेक जिलाध्यक्ष अरसे से पद पर है, उनको भी अब बदला जायेगा।
कांग्रेस ने अपने प्रभारियों व उम्मीदवारों से उन सभी पार्टी पदाधिकारियों व नेताओं की सूची ली है जो विधानसभा व लोकसभा चुनाव के समय निष्क्रिय थे या फिर पार्टी का विरोध कर रहे थे। इन सूचियों के बाद ही पीसीसी चीफ ने एक स्क्रिप्ट तैयार की है और आलाकमान को दी है। जिस पर लोकसभा का सत्र होने के बाद निर्णय हो जायेगा।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा है कि जो पार्टी छोड़ना चाहते हैं, उनको जाने दिया जाये। रोकने का कोई प्रयास न हो। जो काम नहीं कर रहे उनको हटा दिया जाये। राहुल की मंशा नये और युवा नेतृत्त्व के हाथ मे संगठन की कमान देने की है। उसी दिशा में स्क्रिप्ट भी लिखी गई है। 30 से 55 साल के मध्य के नेताओं के हाथ मे ज्यादा जिम्मेवारी आने वाले दिनों में संगठन में देखने को मिल सकती है। अभी तो गोविंद डोटासरा भी छुट्टी पर है। दो चुनावों के बाद वे घोषित करके अवकाश पर गये हैं।
लोकसभा सत्र होने के बाद सबसे पहले पीसीसी का पूरा फेस बदला जायेगा। जिसमें उन कई नेताओं की छुट्टी होगी जो वर्षों से पद लिए बैठे हैं। पीसीसी का पुनर्गठन होना तय है, अध्यक्ष का क्या होता है ये आलाकमान पर निर्भर है। पीसीसी के बाद अधिकतर जिलों में जिलाध्यक्ष भी बदल जायेंगे। कई जगह युवाओं के हाथ मे कमान जायेगी। 5 साल विपक्ष की राजनीति करनी है तो संघर्ष करने वालों को तरजीह मिलेगी। उसके बाद ब्लॉक स्तर पर भी बदलाव होंगे। कांग्रेस ने संगठन में आमूलचूल परिवर्तन की स्क्रिप्ट तैयार कर ली है, अब उस पर निर्णय सुनाये जाने बाकी है।
कांग्रेस की इस बदली राजनीतिक स्थिति से ये तो तय हो गया संगठन के स्तर पर व्यापक बदलाव होगा। किसका पलड़ा भारी रहता है, ये तो गठन के बाद ही पता चलेगा। लेकिन राज्य कांग्रेस में सचिन पायलट बड़ा पावर सेंटर हो गये हैं, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। संगठन में बदलाव पर उनकी छाया भी पड़ेगी। राज्य के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी बदला जाना तय है। वे अब सांसद हो गये हैं इसलिए उनकी जगह किसी नये नेता को ये जिम्मेवारी मिलेगी। बदलाव के लिए कांग्रेस संगठन के नेता भी लगभग तैयार है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘