‘कड़ाहीवाले दूध’ के लिए विख्यात ‘मटूलसा’ का आकस्मिक निधन, 10 भाईयों में दूसरे नंबर थे मटूलसा
- जनसंघ के जमाने से भाजपा कार्यकर्ता मटूलसा पार्टी के लिए लड़ने-मरने वालों में शामिल थे
RNE, BIKANER .
बीकानेर के बड़ा बाजार में विख्यात कड़ाही के दूध वाले कन्हैयालाल आचार्य ‘मटूलसा’ का सोमवार दोपहर अचानक निधन हो गया। स्व.गिरधारलाल आचार्य के पुत्र मटूलसा अपने 10 भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके बड़े भाई चेतनदास आचार्य चायपट्टी की कचौड़ी वाले जूनिया महाराज के नाम से विख्यात हैं। मटूलसा अपने पीछे दो पुत्र शंकरलाल, ताकड़सा और एक पुत्री दुर्गा सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनकी पत्नी ‘दुआ मां’ का कुछ साल पहले निधन हो गया था।
आचार्य के छोटे भाई कांग्रेस नेता बंशीलाल आचार्य ने बताया कि मटूलसा कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ी और उनका निधन हो गया। आचार्य की अंतिम यात्रा उनके निवास शीतला से गेट से पैतृक श्मशानगृह चौखूंटी जाएगी।
गौरतलब है कि मटूलसा का नाम चुनाव के वक्त बीकानेर परकोटे के सबसे चर्चित लोगों में लिया जाता रहा है। वे जनसंघ के जमाने के इतने कट्टर भाजपा समर्थक कार्यकर्ता थे कि पार्टी के लिये लड़ने, बहस करने पर उतारू हो जाते थे। कई बार ऐसे अवसर आये हैं जब पार्टी को जीत या बीकानेर के पार्टी नेताओं को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई तो उन्होंने अपने व्यापार को ताक पर रखकर कड़ाही का पूरा दूध फ्री वितरित किया। अस्वस्थता के चलते पिछले कुछ समय से वे दूध की कड़ाही पर सेवा नहीं दे पा रहे थे। उनकी मौजूदगी में देर रात तक दूध के कुलड़ों के दौर के साथ राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म रहता।