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प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र में स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह

RNE, BIKANER .

योग एक ऐसी जीवन प्रदायनी जड़ी बूंटी है, जिसके सेवन से शरीर के स्वस्थ रखने के लिए अमृतपान का सुख प्राप्त होता है – यह बात आज राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र गंगाशहर में संस्था के सरंक्षक रहे स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में चल रहे पंच दिवसीय निःशुल्क शिविर के अंतिम दिन समापन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए बैंक के यूनियन लीडर व समाज सेवी वाई.के. योगी ने कहीं।

उन्होनें कहा कि योग स्वस्थ जीवन जिने की आधार शिला है। उसे अपनाये और स्वयं तथा समाज का भविष्य तय करें। संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने संचालन के साथ प्रसिद्ध योगाचार्य श्रीरतन तंबोली को नियमित व निःशुल्क योग सेवा के लिए आभार प्रदर्शन करते हुए बताया कि योग गुरू ने शिविरार्थियों को विभिन्न आसन्नों प्रणायाम के माध्यम से विभिन्न योग क्रियाओं की जानकारी के साथ अभ्यास करवाया। योग गुरू श्रीरतन तंबोली ने योग के टिप्स देते हुए कहा कि योग का जीवन में सर्वश्रेष्ठ स्थान है।

इससे हमारा उत्थान होता है – उन्होंने सूक्ष्म व्यायाम (ग्रीवा, स्कंध, कटी व पाद संचालन) प्राणायाम (त्रिबंध, अग्निसार, नौली) भ्रामरी भस्मिका, शीतकारी उज्जयी आदि विभिन्न आसन्न, भुजर्गासन, मयूरासन, सर्वाणआसन, शीर्षासन वृश्चिक आसन्न, पाद हस्तासन, शलभासन, मकरासन, सिंहासन आदि का प्रदर्शन कर उपयोग व सावधानियां बताई। शिविर संचालिका योगाचार्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति धर्म और आत्म विज्ञान का आधार है। जिसे जीवन में अपनाने से व्यक्ति का शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक, अध्यातमिक विकास संभव है और दूषित वातावरण में रोगों से छुटकारा पाने हेतु योगा के साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार कराने का आव्हान किया तथा योग शिविरार्थियों के अनुभव को साझा किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बैंक यूनियन लीडर वाई.के. योगी का संस्था द्वारा शॉल पहनाकर अभिन्नदन किया गया। कार्यक्रम में अनेका अनेक शिविरार्थियों के साथ गणमान्य नागरिकों ने भाग लेकर सेवा की सराहना करते हुए उत्साहवर्द्धन किया।