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राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अत्यंत समृ़द्ध : लखावत

RNE, BIKANER .

राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने गुरुवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी का निरीक्षण कर विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली।

इस अवसर पर लखावत ने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति बहुत समृ़द्ध है, इसके उन्नयन-संरक्षण के लिये गंभीरता से समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बीकानेर का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण है। बीकानेर में राव बीकाजी पेनोरमा का भव्य निर्माण किया जायेगा।

इस पेनोरमा में बीकानेर के इतिहास, संस्कृति, साहित्य आदि की तथ्यात्मक व प्रासंगिक जानकारी आमजन को उपलब्ध हो सके, इसके लिये साहित्यकार, पत्रकार, इतिहासकार अपने सुझाव देवें। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इस संबंध में कोई भी महत्त्वपूर्ण जानकारी शेष ना रहे। लखावत ने महाकवि पृथ्वीराज राठौड़, अमरसिंह राठौड़ के व्यक्तित्व-कृतित्व पर शोध कार्य की आवश्यकता भी जताई।

 

अकादमी सचिव शरद केवलिया ने अकादमी पुस्तकालय-वाचनालय, अकादमी पत्रिका जागती जोत व अन्य साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर पृथ्वीराज रतनू, राजेन्द्र जोशी, कमल रंगा, सुधा आचार्य, राजाराम स्वर्णकार, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, डॉ. नमामी शंकर आचार्य, डॉ. नरसिंह बिनाणी, डॉ. नितिन गोयल, जुगल किशोर पुरोहित, कुलदीप देवल, केशव जोशी, श्रीनिवास थानवी, कानसिंह, मनोज मोदी, राम अवतार तिवाड़ी उपस्थित थे। इस दौरान शरद केवलिया व सुधा आचार्य ने अपनी पुस्तकें लखावत को भेंट कीं। इससे पूर्व लखावत ने राजस्थान राज्य अभिलेखागार व राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान का भी अवलोकन किया।