Skip to main content

Rajasthan : माइंस सेक्रेट्री आनंदी के प्रयास : तिमाही राजस्व 2000 करोड़ के पास

  • माइंस विभाग द्वारा अप्रेल-जून की पहली तिमाही में 13 फीसदी
    ग्रोथ के साथ 1977.26 करोड़ का राजस्व संग्रहण-खान सचिव श्रीमती आनन्दी
  • खान विभाग ने पहली तिमाही में ही राजस्व अर्जन रचा नया इतिहास
  • राजस्व संग्रहण में एसएमई जयपुर पहले तो भीलवाड़ा और भरतपुर दूसरे और तीसरे स्थान पर

REN, Network 

राज्य का माइंस विभाग राजस्व अर्जन में इस साल नया रेकार्ड कायम करने जा रहा है। शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम श्रीमती आनन्दी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में गत वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत ग्रोथ के साथ राज्य सरकार को 1977 करोड़ 26 लाख रुपए का राजस्व जमा हो गया हैं। गत वित्तीय वर्ष के पहले त्रैमास में 1746 करोड़ 55 लाख रुपए का राजस्व अर्जित हुआ था। एसएमई कार्यालयों में जयपुर त्रैमासिक लक्ष्यों की तुलना में 112.37 प्रतिशत लक्ष्य अर्जित कर प्रदेश में पहले पायदान पर पहुंच गया है। भीलवाड़ा और भरतपुर एसएमई कार्यालय दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं।

खान सचिव आनन्दी ने बताया कि मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व व मार्गदर्शन में खान विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष में राजस्व अर्जन का नया रेकार्ड स्थापित किया जाएगा। सरकारी राजस्व की छीजत रोकने, राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत करने और नियमित समीक्षा के परिणाम स्वरुप उल्लेखनीय सफलता मिली है। योजनावद्ध तरीके से मिनरल ब्लॉकों की ई-नीलामी, अवैध खनन गतिविधियों पर कार्यवाही में तेजी, नियमित मोनेटरिंग, दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन व आपसी समझ व समन्वय से लक्ष्यों से अधिक राजस्व अर्जित किया जा सका है। रेकार्ड राजस्व अर्जन के लिए विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई देते हुए बताया कि टीम भावना व परस्पर समन्वय से यह रेकार्ड राजस्व संग्रहण हो सका है।

निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वर्ष 2022-23 में पहली तिमाही में 1561 करोड़़ 04 लाख रु., 2023-24 में 1746 करोड़ 55 लाख रु. का राजस्व अर्जित किया गया था जो वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 13 प्रतिशत विकास के साथ बढ़कर 1977 करोड़ 26 लाख रुपए हो गया है। यह पहली तिमाही में राजस्व अर्जन का नया रेकार्ड भी है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के बेहतरीन परिणाम मिले हैं। निदेशक श्री कलाल ने बताया कि समन्वित व समग्र प्रयासों से खान विभाग द्वारा राजस्व वसूली के प्रयासों मेें तेजी लाई गई है। विभाग द्वारा अवैध खनन व परिवहन गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है जिसके सकारात्मक प्रभाव आने लगे हैं।

अप्रेल से जून तिमाही में एसएमई जयपुर एनएस शक्तावत की टीम ने 203 करोड़ राजस्व वसूली के लक्ष्य के विरुद्ध 228 करोड़ 12 लाख की राजस्व वसूली कर 112.37 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। एसएमई जयपुर कार्यक्षेत्र में एएमई टोंक सोहन लाल सुथार ने 133 प्रतिशत, एमई झुन्झुनू रामलाल सिंह ने 124 प्रतिशत, एएमई कोटपुतली  अमीचंद दुहारिया ने 111, एमई जयपुर श्याम कापड़ी ने 110 प्रतिशत, एएमई अलवर पुष्पेन्द्र मीणा ने 108.58 प्रतिशत व एएमई दौसा लक्ष्मी चंद मीणा ने लक्ष्यों के विरुद्ध 110 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है।

एसएमई भीलवाड़ा ओपी काबरा के मार्गदर्शन में भीलवाड़ा जोन में 492 करोड़ 53 लाख के लक्ष्यों के विरुद्ध 533 करोड़ 10 लाख की राजस्व वसूली कर लक्ष्यों के विरुद्ध 108 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की है। भीलवाड़ा एसएमई ओपी काबरा के कार्यक्षेत्र में एमई भीलवाड़ा चंदन कुमार व बिजोलिया एमई सत्यनारायण कुमावत ने लक्ष्यों के विरुद्ध 116 प्रतिशत से अधिक वसूली की है। इसी तरह से राजस्व वसूली में तीसरे पायदान पर रहे एसएमई भरतपुर हरीश चन्द्र गोयल के क्षेत्र में 104.10 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है।

इनमें भरतपुर, करौली और धौलपुर कार्यालयों में लक्ष्यों से अधिक वसूली रही। एसएमई बीकानेर धर्मेन्द्र लुहार के क्षेत्र में 106 करोड़ 90 लाख की वसूली लक्ष्य के विरुद्ध 108 करोड़ 52 लाख की 101.52 फीसदी राजस्व वसूली रही है। बीकानेर क्षेत्र में एमई श्रीगंगानगर धीरज पंवार, एमई बीकानेर महेश प्रकाश पुरोहित और एएमई चुरु एनएल मेघवाल ने लक्ष्यों के विरुद्ध शतप्रतिशत से अधिक वसूली की है। राशि की दृष्टि से सर्वाधिक 446 करोड़ 33 लाख की एमई भीलवाड़ा व एमई राजसमंद द्धितीय ने 238 करोड़ 52 लाख की वसूली की है।

जयपुर, अलवर, झुन्झुनू, टोंक, कोटपुतली, दौसा, मकराना, सिरोही, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चुरु, उदयपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, बिजोलिया, राजसमंद द्धितीय, बूंदी प्रथम, रामगंजमण्डी, झालावाड़ बारां, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर कार्यालयों ने लक्ष्यों के विरुद्ध शतप्रतिशत से भी अधिक राजस्व अर्जित किया है।

सारणी

  • 2022-23—-1561.04 करोड़ रुपए
  • 2023-24—-1746.55 करोड़ रुपए
  • 2024-25—-1977.26 करोड़ रुपए