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RES में परिवार के आकार पर बच्चों की अनूठी डिबेट ने यूथ पार्लियामेंट का अहसास करवाया

  • डा.चेतना बोली, एकल परिवार बढ़ने पर भी बच्चों में संयुक्त जैसे संस्कार, खुशी की बात
  • संयुक्त परिवार के पक्ष में योगिता चौधरी तथा एकल परिवार के पक्ष में जयेश सोनी प्रथम

RNE, Bikaner

इंग्लिश मीडियम स्कूल के स्टूडेंट्स ने हिन्दी में हुई एक डिबेट में परिवार के आकार को लेकर ऐसे-ऐसे तर्क और तथ्य रखे कि सुनने वाले टीचर और एक्सपर्ट जज-गेस्ट भी हैरान रह गए। निर्णायक के तौर पर शामिल शिक्षाविद् डा.चेतना आचार्य को कहना पड़ा, एकल परिवार की बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद हमारे बच्चों में संयुक्त परिवार जैसे संस्कार मौजूद होना प्रसन्नता के साथ आश्वस्ति देने वाला है।

कहां, कैसा आयोजन:

बात बीकानेर के रमेश इंग्लिश स्कूल (RES) में हुई एक डिबेट की है। इस को-एज्युकेशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता हिन्दी में रखी गई। विषय था ‘संयुक्त या एकल परिवार में से कौनसी पारिवारिक व्यवस्था अच्छी। चूंकि यह फाइनल राउंड था ऐसे में दोनों व्यवस्थाओं के पक्ष में 14 स्टूडेंट्स ने भागीदारी निभाई।

महिलाओं के हालात से बच्चों के विकास तक का जिक्र:

अलग-अलग राउंड में चली इस डिबेट में जहां पहले प्रत्येक भागीदार ने अपनी पसंदीदा पारिवारिक व्यवस्था के पक्ष में बात रखी। इसके बाद जब सवाल-जवाब का राउंड चला तो दोनों व्यवस्थाएं आमने-समाने आकर खड़ी हो गई। खुशी की बात यह है कि छठी से 11वीं क्लास तक के स्टूडेंट एक-दूसरे से पारिवारिक जिम्मेदारियां, महिलाओं की स्थिति, भविष्य में खुद का परिवार होने पर उसके पालन और बच्चों के विकास के लिए पारिवारिक व्यवस्था से जुड़ी परिस्थितियों पर खुलकर सवाल-जवाब करते दिखे। इस बीच निर्णायक के तौर पर डा.चेतना आचार्य ने कई गंभीर सवाल उठाये जिनके प्रतिभागियों ने बेहिचक जवाब दिये।

डायरेक्टर सेनुका ने बताई प्रक्रिया:

RES की डायरेक्टर सेनुका हर्ष ने बताया कि यह डिबेट का फाइनल राउंड है जिसमे 14 विद्यार्थी पहुंचे हैं। जब डिबेट शुरू हुई तो 100 से अधिक भागीदार थे। पहले क्लास के एक सैक्शन में वाद-विवाद हुआ। वहां के विजेताओं ने दूसरे सैक्शंस से वैचारिक संघर्ष किया। इन दोनों राउंड से निकले स्टूडेंट्स के बीच सेमिफाइनल राउंड हुआ और आखिर में 14 बच्चे फाइनल राउंड में पहुंचे।

प्रभारी सविता ने निर्णय घोषित किये:

डिबेट की प्रभारी सविता जोशी ने कहा, जिस तरह की वैचारिक प्रस्तुतियां आई हैं उन्हें देखते हुए किसी को भी प्रथम, द्वितीय या किसी तरह की रैंकिंग देना बहुत मुश्किल काम है। इसके बावजूद निर्णायकों ने प्रस्तुति, प्रभाव, तर्कशक्ति, आत्मविश्वास आदि बिन्दुओं पर परख कर रैकिंग तय की।

ये रहे विजेता:

संयुक्त परिवार के पक्ष में विचार रखने वाले प्रतिभागियों में प्रथम स्थान पर योगिता चौधरी तथा द्वितीय स्थान पर हिमानी सारस्वत रही। एकल परिवार के पक्ष में विचार रखने वाले प्रतिभागियों में प्रथम स्थान पर जयेश सोनी तथा द्वितिय स्थान पर हिमानी सारस्वत रही।

वाइस प्रिंसिपल बजाज ने प्रतियोगिता का महत्व बताया :

RES की वाइस प्रिंसिपल साक्षी बजाज ने कहा, बच्चों में विषयों के प्रति समझ के साथ ही अभिव्यक्ति की शैली विकसित करने के लिहाज से ऐसे सह-शैक्षिक आयोजन नियमित किए जा रह हैं। मंच पार्श्व में आयोजन की बागडोर संभालने वाले शिक्षक इंजीनियर पीयूष हर्ष ने बताया, आगामी दिनों में संस्कृत और इंग्लिश में भी ऐसे ही अलग विषयों पर बच्चों के साथ कार्यक्रम होंगे। निर्णायक मंडल में पत्रकार धीरेन्द्र आचार्य भी शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन भागीदार स्टूडेंट्स की समवय छात्रा खुशबू ने किया।