रक्षा मंत्रालय : उड़ान नियंत्रण के सभी जरूरी पैरामीटर, प्रदर्शन संतोषजनक
आरएनई ,नेशनल ब्युरो।
आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी रुप से डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) को विकसित किया गया, जिसे तेजस लड़ाकू विमान के साथ इस्तेमाल किया गया। परीक्षण के दौरान यह सफल रहा।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि रक्षा तकनीक के क्षेत्र में यह अहम कदम हैं। आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी रुप से डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) को विकसित किया गया, जिसे तेजस लड़ाकू विमान के साथ इस्तेमाल किया गया। परीक्षण के दौरान यह सफल रहा।
गौरतलब है कि डीएफसीसी को तेजस-एमके1ए के लिए एडीई, बंगलूरू द्वारा विकसित किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि उड़ान नियंत्रण के सभी जरूरी पैरामीटर, प्रदर्शन संतोषजनक पाए गए।
तेजस लड़ाकू विमान की खूबियां
स्वदेश निर्मित तेजस एक एकल इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जो आसमान में ज्यादा खतरे की स्थिति में काम करने में सक्षम है। इसे वायु रक्षा, समुद्री टोही और हमले की भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेजस एमके1ए कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास के तहत डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) को प्रोटोटाइप एलएसपी7 में एकीकृत किया गया और 19 फरवरी को सफलतापूर्वक उड़ाया गया।
सफल उड़ान की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की सराहना
विमान के उन्नत संस्करण तेजस एमके1ए में एक उन्नत मिशन कंप्यूटर, डिजिटल उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (डीएफसीसी एमके1ए), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (एसएमएफडी), उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए ऐरे (एईएसए) रडार, आत्म-सुरक्षा जैमर शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेजस एमके1ए के लिए इस खास प्रणाली के विकास और सफल उड़ान परीक्षण में शामिल डीआरडीओ, आईएएफ, एडीए और उद्योगों की संयुक्त टीमों की सराहना की।