कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की स्क्रिप्ट तैयार, कई ब्लॉक कमेटियां भंग, अब डीसीसी का नम्बर
मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
राजस्थान में कांग्रेस की संगठनात्मक बदलाव की स्क्रिप्ट पूरी तरह से तैयार हो गई है। ब्लॉक से प्रदेश तक ये बदलाव चरणों में होगा। कांग्रेस निष्क्रिय व भाजपा की तरफ झुकाव रखने वाले पदाधिकारियों को घर भेजने के लिए कठोर हो गई है। ऐसे पदाधिकारियों व नेताओं को चिन्हित करने में पार्टी ने 3 महीनें का पूरा समय लगाया है।
कांग्रेस ने लोकसभा क्षेत्र के प्रभारियों व उम्मीदवारों से ऐसे लोगों की रिपोर्ट ली थी। उसके आधार पर पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने एक रिपोर्ट तैयार कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी को सौंपी। कांग्रेस की अनुशासन समिति की भी वर्षों बाद बैठक हुई और उसमें भी कुछ प्रस्ताव तय कर पीसीसी चीफ को दिए गये। जिन्होंने रिपोर्ट आलाकमान को दी।
उसके बाद ही सख्त कार्यवाही आरम्भ हुई है। पीसीसी चीफ ने पहले 7 और उसके बाद लगभग 17 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया। कुछ और ब्लॉक कमेटियां भी सप्ताह भर में भंग की जायेगी। इसके बाद जिला कांग्रेस कमेटियों का नम्बर आयेगा। उनकी भी सूची पीसीसी ने आलाकमान से क्लियर करा रखी है। अनेक डीसीसी में अध्यक्ष वर्षों से बैठे हैं, उनको तो बदला जाना तय है। बदलाव के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं, जिनको एआईसीसी की ओके के बाद ही जारी किया जायेगा। जीते व हारे हुए अनेक लोकसभा उम्मीदवारों ने अपने क्षेत्र के कुछ बड़े नेताओं के सहयोग न करने की रिपोर्ट दी थी। पीसीसी ने उसका परीक्षण कराया और सूची भी तैयार की है। उन पर गाज गिर सकती है। पीसीसी में भी निष्क्रिय पदाधिकारियों की सूची फाइनल हो गई है, जिनका हटना लगभग तय हो गया है। ये सूची भी छोटी नहीं है।
इसके साथ युवक कांग्रेस में निष्क्रिय पदाधिकारियों की जगह नये पदाधिकारी बनाने के लिए साक्षात्कार हो चुके हैं। संभाग स्तर पर युवक कांग्रेस के हटाए जाने वाले पदाधिकारियों की जानकारी के लिए प्रभारी संभागों के दौरे पर है। युवक कांग्रेस में बड़ा बदलाव तय दिख रहा है। हटने वालों के नाम भी फाइनल हो गये हैं।
पीसीसी चीफ के रूप में गोविंद डोटासरा के 4 साल पूरे हो चुके हैं। उन पर निर्णय आलाकमान करेगा। क्यूंकि उनके नेतृत्त्व में पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था, इस कारण अभी उन पर निर्णय होता दिख नहीं रहा। उनकी टीम जरूर बदली जा सकती है। विधानसभा उप चुनाव से पहले बदलाव का अधिकतर काम कर लिया जायेगा। शेष काम बाद में होगा। जिलों के अध्यक्ष बनने के लिए दावेदारों ने जयपुर व दिल्ली के चक्कर निकलने शुरू भी कर दिए हैं। संगठन स्तर पर कांग्रेस में बड़ी सर्जरी की स्क्रिप्ट अब लागू होने की तैयारी में है।
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