BIKANER : पीबीएम आईसीयू में चांदी के गो-बछड़े की पूजा, बाजरी के पिंडे का भोग, बेटों ने पाळ तोड़ी
RNE, BIKANER.
गंभीर बीमार मां को बछबारस की पूजा और रस्में पूरी करवाने के लिए दो बेटों ने आईसीयू में सारे इंतजाम करवाएं। मां ने रस्में निभाई और पूजन होने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण किया। घटना बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल की है। जहां दो बेटों ने आईसीयू में ही मां के साथ मिलकर बछबारस की रस्में निभाई।
ICU में आई चाँदी की गाय :
दरअसल बछबारस पूजा का विधान है कि इस दिन बेटों के साथ गाय-बछड़े की पूजा किये बगैर मां मुंह में अन्न का दाना नहीं लेती। मां गंभीर बीमार होने के साथ ही आईसीयू में भर्ती थी लेकिन बछबारस की पूजा किये बगैर अन्न-जल ग्रहण करने को तैयार नहीं थी। ऐसे में बेटों राधे छंगाणी और शिवजी छंगाणी ने प्रतीकात्मक इंतजाम बैड पर ही किये।
चूंकि इस दिन गाय-बछड़े की पूजा होती है जिसे हॉस्पिटल में वार्ड में नहीं लाया जा सकता, ऐसे में विधान के अनुसार चांदी का गाय-बछड़ा लेकर आये। पंडित को वार्ड बुलाया। उसने मंत्रोंच्चार के साथ पूजन करवाया। भोग में बाजरी का पिंडा और गाय को ओढ़ाने का वस्त्र समर्पित किया गया।
बेटों को तिलक लगाकर सुपारी निकालने की रस्म भी प्रतीकात्मक रूप से पूरी करवाई। इसके बाद ही मां के चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिखे। बेटों को भी इस बात की तसल्ली रही कि उन्होंने मां के व्रत का पालन करवा दिया।
दरअसल शुक्रवार को बछबारस पर्व मनाया गया। इस दौरान पुत्रवती महिलाओं ने जहां पुत्र की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिये कामना की वहीं नवविवाहिताओं ने पुत्र की कामना की। इस दौरान बछड़े वाली गाय का पूजन करने के साथ ही चुनरी ओढाई। महिलाओं ने इस दिन गेहूं और गाय के दूध और उससे बने उत्पादों का त्याग किया। एक दिन पहले बनाया गया भोजन ग्रहण किया।