केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र, सीएम भजनलाल ने पुरस्कार दिये, राजस्थान के किसी शहर का नाम नहीं
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार, 2024
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदान किया - अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु नील गगन दिवस के अवसर पर नौ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एनसीएपी शहरों को पुरस्कृत किया गया
- इसे स्वच्छ वायु दिवस के रूप में भी मनाया जाता है
- नीले आकाश के लिए हरी-भरी धरती आवश्यक
RNE Network Jaipur.
वायु गुणवत्ता (Air quality) में सुधार पर आधारित भारतीय शहरों की ‘रैकिंग’ में सूरत शीर्ष स्थान पर है, जबकि जबलपुर और आगरा को दूसरा स्थान मिला है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ‘इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काईज’ के अवसर पर जयपुर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 के दौरान ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु शहर’ पुरस्कार प्रदान किए। सूरत, जबलपुर और आगरा ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष तीन स्थान हासिल किया। फिरोजाबाद (उप्र), अमरावती (महाराष्ट्र) और झांसी (ऊप्र) को तीन लाख से 10 लाख के बीच की आबादी वाले शहरों में सर्वश्रेष्ठ स्थान मिला। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में रायबरेली (उत्तर प्रदेश), नलगोंडा (तेलंगाना) और नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश) शीर्ष स्थान पर रहे।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में जयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु नील गगन दिवस (स्वच्छ वायु दिवस) मनाया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री संजय शर्मा और राजस्थान सरकार के केंद्रीय शहरी विकास और स्थानीय स्वशासन राज्य मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा भी उपस्थित थे। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस वर्ष के आयोजन की मेजबानी की। पुरस्कृत होने वाले शहरों में राजस्थान का कोई शहर शामिल नहीं है।
वीडियो प्रेजेंटेशन से बताया, सुधार रही हवा :
इस अवसर पर, एनसीएपी कार्यक्रम के सार, इसमें शामिल एजेंसियों के योगदान और 131 एनसीएपी शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार को दर्शाने वाला एक आकर्षक वीडियो प्रदर्शित किया गया। बताया गया कि केंद्रित कार्रवाई, संसाधनों के सम्मिश्रण और प्रभावी निगरानी ने 95 शहरों में वायु प्रदूषण में कमी के रुझान के साथ सकारात्मक परिणाम दर्शाए हैं। 51 शहरों ने आधार वर्ष 2017-18 के संबंध में पीएम10 के स्तर में 20 प्रतिशत से अधिक की कमी दिखाई है और इनमें से 21 शहरों ने 40 प्रतिशत से अधिक की कमी हासिल की है।
पुस्तक विमोचन :
कार्यक्रम के दौरान ‘व्यवहार्य प्रौद्योगिकियों और कार्य प्रणालियों पर संग्रह: एनसीएपी शहरों से सबक’ नामक एक दस्तावेज का विमोचन किया गया। इसमें स्थानीय संदर्भों और आवश्यकताओं के अनुरूप वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा की गई पहलों के उदाहरण प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा, जयपुर प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र के ‘मातृ वन’ में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत 100 पौधे भी लगाए गए।
पुरस्कृत शहरों को प्रोत्साहन :
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार श्रेणी-1 (10 लाख से अधिक जनसंख्या) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एनसीएपी शहरों सूरत, जबलपुर और आगरा को ; श्रेणी-2 (3 से 10 लाख के बीच की जनसंख्या) फिरोजाबाद, अमरावती और झांसी को; और श्रेणी-3 (3 लाख से कम जनसंख्या) रायबरेली, नलगोंडा और नालागढ़ को प्रदान किए गए। विजेता शहरों के नगर आयुक्तों को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विजेता शहरों को बधाई देते हुए और अन्य एनसीएपी शहरों को प्रोत्साहित करते हुए, बहु-हितधारक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर देने के साथ-साथ, स्वच्छ वायु में निवेश को बढ़ाने और वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए साझा जिम्मेदारी को अपनाने पर भी जोर दिया।
सीएम भजनलाल ने बताई योजना :
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने स्वच्छ और हरित पर्यावरण के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान को दोहराया, जैसा कि स्वच्छ भारत मिशन और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में 07 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं और उन्होंने सभी विभागों को उनके उत्साहपूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सांस्कृतिक रूप से हम समाज का संरक्षण कर रहे हैं, प्रकृति का सम्मान करते हैं और अपनी नदियों की पूजा करते हैं। हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए और अधिक समग्र, पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने राजस्थान राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए की गई विभिन्न कार्रवाइयों की जानकारी दी, जिसमें पांच गैर-प्राप्ति शहरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य एक ‘ग्रीन ग्रोथ बजट’ तैयार करेगा और महत्वपूर्ण इंटरसिटी और इंट्रासिटी मार्गों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बनाई गई है।