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Hisar में इन्वेस्टिचर सेरेमनी : 10 सेना मेडल (वीरता), 07 विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किए

SOUTH WESTERN COMMAND INVESTITURE CEREMONY

RNE Defence Report.


अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिलिट्री हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए बीकानेर संभाग के विकास भाम्भू को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से नवाजा गया है। शनिवार को उनकी पत्नी श्रेया चौधरी ने यह सम्मान हासिल किया।उन्हें यह सम्मान सेना की  दक्षिण पश्चिमी कमान इन्वेस्टीचर सेरेमनी में दिया गया। यह समारोह आज यानी 24 फरवरी को हिसार मिलिट्री स्टेशन में हुआ।

परंपरागत उत्साह और सैन्य भव्यता के साथ हुए समारोह में कुल 10 सेना मेडल (वीरता) और 07 विशिष्ट सेवा मेडल लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, अति विशिष्ट सेवा मेडल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिण पश्चिमी कमान द्वारा प्रदान किए गए ।

क्या है इन्वेस्टिचर सेरेमनी : 

 इन्वेस्टीचर सेरेमनी उन सैनिकों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान करने के लिए साल में एक बार आयोजित किया जाता है जिन्होंने व्यक्तिगत वीरता और कर्तव्य के प्रति खुद को प्रतिष्ठित किया है। इस बार पुरस्कार पाने वालों में 16 अधिकारी और एक सैनिक शामिल हैं। मेजर विकास भांभू के परिजनों को मरणोपरांत एक वीरता पुरस्कार प्रदान किया गया। आर्मी कमांडर ने 15 यूनिटों को जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ साउथ वेस्टर्न कमांड यूनिट प्रशंसा से सम्मानित किया।

सेना मैडल ग्रहण करने के दौरान शहीद मेजर विकास भाम्भू के पिता भागीरथ भांभू, माता सुखवंती भांभू और पत्नी श्रेया चौधरी

आर्मी कमांडर ने दी बधाई : 

 इस अवसर पर आर्मी कमांडर ने सभी पुरस्कार विजेताओं को उनकी वीरता और विशिष्ट सेवाओं के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी रैंकों, पूर्वसैनिकों, नागरिकों और उनके परिवारों से राष्ट्र की सेवा में खुद को फिर से समर्पित करने का आग्रह किया और पुरस्कार विजेताओं के गौरवान्वित परिवारों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने बाद में पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों के साथ बातचीत की और भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं को बनाए रखने में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार किया।

इन्हें सेना मैडल (वीरता) :

 

इन्हें विशिष्ट सेवा मैडल :

 

मेजर भाम्भू : जम्मू में लगी प्रतिमा, मरणोपरांत सेना मैडल 

मेजर विकास भाम्भू के किस्से हनुमानगढ़ के रामपुरा गांव से लेकर देशभर के सैन्य क्षेत्रों में हैं। शहीद मेजर विकास भांभू की शहादत को चीर स्थाई बनाए रखने के लिए भारतीय थल सेना की ओर से जम्मू में प्रतिमा स्थापित की गई है।

मेजर विकास का सैन्य अधिकारी के रूप में प्रथम पदस्थापन 68 आर्म्ड रेजीमेंट में हुआ था जिसका मुख्यालय जम्मू है। रेजीमेंट के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर विशिष्ट सेना मेडल प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर, कमांडिंग ऑफिसर कर्नल ऋषि चौहान के निर्देश से रेजीमेंट के मुख्य द्वार पर शहीद मेजर विकास भांभू के सैन्य जीवन की अति विशिष्ट सेवाओं व राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है। 68 आर्म्ड रेजीमेंट के 55 वर्ष के गौरवशाली इतिहास में रेजीमेंट हेड क्वार्टर पर लगने वाली किसी भी सैन्य अधिकारी की प्रथम प्रतिमा है ।