प्लेगिरिज्म से बचने के उपायों पर विशेषज्ञों ने की चर्चा, रिसर्च स्कॉलर्स और विद्यार्थियों ने लिया भाग
RNE Bikaner.
राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता संवर्धन समिति (IQAC) द्वारा “रिसर्च पेपर लेखन और प्लेगिरिज्म” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता के माल्यार्पण से हुई। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर अभिलाषा आल्हा ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता, राजकीय डूंगर महाविद्यालय की भौतिक शास्त्र विभाग की प्रोफेसर स्मिता शर्मा ने “रिसर्च पेपर जर्नी : आईडिया टू पब्लिकेशन” पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने रिसर्च पेपर लेखन की प्रक्रिया, योजना, रिव्यू, टाइटल और की-वर्ड्स के महत्व को समझाते हुए विचारों की स्पष्टता और ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
द्वितीय सत्र में रसायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर एस.के. वर्मा ने “प्लेगिरिज्म” पर गहन चर्चा की। उन्होंने प्लेगिरिज्म के प्रकार, पेनल्टी, और इससे बचने की रणनीतियों को विस्तार से बताया। साथ ही, यूजीसी केयर लिस्टेड जनरल की पहचान, फ्रॉड जनरल से सावधान रहने और यूजीसी द्वारा प्रस्तावित “शोध शुद्धि” की जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. असित गोस्वामी ने किया और अंत में प्रोफेसर इंदिरा गोस्वामी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के संकाय सदस्य, रिसर्च स्कॉलर्स और स्नातकोत्तर छात्र उपस्थित रहे।