बीकानेर: श्रीश्याम बाल संकीर्तन मंडल में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सुरेश भसीन-सुभाष मित्तल ग्रुप आमने-सामने
RNE Bikaner.
कहा जाता है कि भक्ति में निर्मलता होती है और सभी भेदभाव, अहंकार भूल भक्त सिर्फ भगवद्स्मरण को ही अपना ध्येय मानने लगते हैं लेकिन बीकानेर में भक्तों के बीच बड़ी भिड़ंत सामने आई है। यहां श्रीश्याम बाल संकीर्तन मंडल समिति सार्वजनिक प्रन्यास के पदाधिकारी इस कदर आपस में उलझ गये हैं कि करोड़ों का घोटाला करने तक के आरोप लगने लगे हैं। दोनों पक्ष सावर्जनिक तौर पर सामने आये हैं और अपना-अपना पक्ष रखते हुए एक-दूसरे को गलत साबित करने पर तुले हैं।
अंदरखाने पक रहा था असंतोष, फूटा:
दरअसल दो दिन पहले श्रीश्याम बाल संकीर्तन मंडल समिति सार्वजनिक प्रन्यास के नाम से आमसभा महासचिव सुरेश भसीन के घर रखी गई। इसमें आरोप लगाया गया कि प्रन्यास के नाम पर 26 जुलाई 2024 को कोरम के अभाव वाली बैठक असंवैधनिक थी। उसमें लिये गये निर्णय को अमान्य घोषित किया।
इसके साथ ही प्रन्यास में वित्तीय अनियमितता के आरोप भी लगाये गये। लगभग 1.8 करोड़ के चंदा कूपन के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बताई गई। सुभाष मित्तल को पद से हटाने का निर्णय लिया गया। इस मीटिंग में भाजपा नेता अखिलेश प्रतापतसिंह, एडवोकेट अशोक प्रजापत, दिलीप पुरी, नरसिंह सेवग आदि को न्यासी बनाने का जिक्र हुआ।
प्रतिकार-निष्कासित महासचिव ने पदलिप्सा में ट्रस्टियों पर लगाये आरोप:
दूसरी ओर मंगलवार को अध्यक्ष के.के.शर्मा, महासचिव सुरेशचंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश जिंदल ने संयुक्त बयान में आरोपों पर प्रतिकार किया। कहा, ईर्ष्या और पदलिप्सा में निष्कासित महासचिव ने सेवा कार्य कर रहे ट्रस्टियों पर झूठे लांछन लगाये हैं।
प्रन्यास के इस गुट ने दावा किया है सुभाष मित्तल प्रन्यास के अब भी कार्यकारी अध्यक्ष है। सुरेश भसीन को पूर्व महासचिव बताया। वित्तीय अनियमितता के मसले पर कहा, अनुपयोगी रसीदों को नष्ट करने का निर्णय हुआ था उसी अनुरूप उन्हें जलाया गया था।