पत्रकार-लेखक अनुराग हर्ष के राजस्थानी कविता-संग्रह ‘तिसळती जिंदगाणी’ का लोकार्पण
RNE Bikaner.
पत्रकार अनुराग हर्ष के पहले राजस्थानी काव्य संग्रह ‘तिसळती जिंदगाणी’ का विमोचन प्रख्यात राजस्थानी साहित्यकार, समालोचक डा.अर्जुनदेव चारण और वरिष्ठ पत्रकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ सहित प्रदेशभर के ख्यातनाम साहित्यकारों, प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में हुआ। हर्ष ने इस मौके अपनी कृति मां श्यामादेवी को भेंट की। उनकी पत्नी एवं आरएसवी स्कूल की प्रिंसिपल सेणुका हर्ष भी इस दौरान साक्षी रही।
यह बोले संजय पुरोहित:
वरिष्ठ साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल सदस्य संजय पुरोहित ने इस मौके पर कृति की कुछ कविताओं का वाचन अपने अंदाज में किया। पुरोहित ने कहा, इन कविताओं में अनुभूति की गहराइयों के साथ ही अभिव्यक्ति का एक खास अंदाज है जो अनुराग हर्ष को समकालीन कवियों में एक अलहदा स्थान पर ले जाता है।
कवि अनुराग हर्ष ने विनम्रतापूर्वक अपने प्रथम प्रयास को पाठकार्पित करते हुए कहा, जो महसूस किया उसे अभिव्यक्त करने का प्रयास किया। सालो तक हिन्दी पत्रकारिता करने के बावजूद साहित्य में अपनी बात कहने का माध्यम मायड़ भाषा राजस्थानी को ही चुना है। यह अपनी भाषा के लिए कुछ करने की कोशिश है। हर्ष ने कहा, निजी अनुभूतियों को पद्य में अभिव्यक्त करने का यह प्रयास आधुनिक कविता के पैमाने पर कितना खरा उतरता है, यह नहीं जानता लेकिन विनम्र आग्रह है कि इस में जो भी कमियां लगे उस पर विद्वान मार्गदर्शन करें। उन्होंने इस कविता संग्रह के लिए प्रेरित करने का श्रेय डा.अर्जुनदेव चारण और मधु आचार्य ‘आशावादी’ को दिया।इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार कैलाश कबीर, रामस्वरूप किसान, हरीश बी.शर्मा, शंकरसिंह राजपुरोहित, हरिशंकर आचार्य, राजेन्द्र जोशी, कमल रंगा, उमेश बोहरा, आनंद हर्ष, गिरिराज व्यास, अमिताभ हर्ष, आशीष पुरोहित आदि मौजूद रहे।