Arjunram Meghwal ने “भारत के संविधान पर ऑनलाइन हिंदी पाठ्यक्रम” घोषित किया
- NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद के साथ भारत के संविधान पर अनूठा पाठ्यक्रम
- 15 वीडियो में हमारे संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा देगा ऑनलाइन पाठ्यक्रम
- Arjun Ram Meghwal announces the launch of an “Online Hindi course on the Constitution of India”
RNE Bikaner
संविधान दिवस के मौके पर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संविधान की गहरी समझ आम विद्यार्थी तक पहुंचाने के लिहाज से एक बड़ी घोषणा की है। घोषणा यह है कि विधि एवं न्याय मंत्रालय ने NAAC रैंकिंग में देश की टॉप यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय यानी NALSAR हैदराबाद के साथ मिलकर “भारत के संविधान पर ऑनलाइन हिंदी पाठ्यक्रम” चलेगा।
मंगलवार को लांच किया गया यह पाठ्यक्रम पूरी तरह ऑनलाइन होगा। इसमें 15 वीडियो में संविधान से जुड़ा पूरा पाठ्यक्रम समाया है। भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में, विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने “भारत के संविधान पर ऑनलाइन हिंदी पाठ्यक्रम” शुरू करने की घोषणा की।
इस पहल का उद्देश्य हमारे संविधान के ज्ञान को हर नागरिक तक पहुँचाना है, चाहे उनकी शैक्षिक और सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। इस अवसर पर मेघवाल ने कहा कि हम सब मिलकर अपने पूर्वजों के दृष्टिकोण का सम्मान कर सकते हैं और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए काम कर सकते हैं जो वास्तव में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों को मूर्त रूप देता हो।
ऐसा होगा पाठ्यक्रम :
इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम में 15 वीडियो में हमारे संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम संविधान के सार, इसकी ऐतिहासिक यात्रा और आधुनिक भारत को आकार देने में इसकी भूमिका के बारे में व्यक्तियों को गहन समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
पहला अध्याय पाठ्यक्रम के सीखने के उद्देश्यों, इसकी अवधि और इस पाठ्यक्रम के लिए कौन नामांकन कर सकता है, के बारे में जानकारी देता है। यह हमें फीस, नामांकन की प्रक्रिया और पाठ्यक्रम पूरा होने पर मिलने वाले प्रमाणपत्रों के प्रकार के बारे में भी बताता है। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हमारे संविधान, हमारे मौलिक अधिकारों और हमारे मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। विचार केवल साक्षरता से आगे बढ़कर प्रबुद्ध नागरिक बनाने का है।
हिन्दी में क्यों :
इस पाठ्यक्रम को हिंदी में पेश करने का निर्णय समावेशिता सुनिश्चित करने और व्यापक दर्शकों तक पहुँचने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब हमारे संविधान के सार को समझने की बात आती है तो भाषा कभी भी बाधा नहीं बननी चाहिए। इसलिए, यह आवश्यक है कि हमारे संविधान की सच्ची भावना और आदर्श हर नागरिक के लिए सुलभ हों। भाषा की बाधाओं को तोड़कर, इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य हमारे संवैधानिक ढांचे की समृद्धि को पूरे देश के लोगों के दिलों और दिमागों के करीब लाना है।
03 साल पहले इंग्लिश में हुआ लांच :
‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के एक हिस्से के रूप में, तीन साल पहले यानी 25 नवंबर 2021 को संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा भारतीय संविधान पर एक ऑनलाइन अंग्रेजी पाठ्यक्रम शुरू किया गया था। अब घोषित हुए नए हिन्दी पाठ्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण योगदान डॉ. अंजू राठी राणा, आईएलएस, अतिरिक्त सचिव, कानूनी मामलों के विभाग, कानून और न्याय मंत्रालय और प्रोफेसर (डॉ.) फैजान मुस्तफा, पूर्व कुलपति, एनएएलएसएआर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है।