BIKANER : श्री विश्वकर्मा नाट्य संगीत कला संस्था ने सदाबहार गीतों से मो. रफी को स्वरांजली अर्पित की
RNE , BIKANER.
श्री विश्वकर्मा नाट्य संगीत कला संस्थान की ओर से पार्श्वगायक मोहम्मद रफी के 100 वें जन्मदिवस पर मंगलवार को बीकानेर के भजन कलाकार नारायण बिहाणी के निवास स्थान जस्सूसर गेट स्थित बीकानेर के स्थानीय कलाकारों के द्वारा रफी के सदाबहार गीतों से स्वरांजली अर्पित की।
संस्था के अध्यक्ष मेघराज नागल ने बताया कि “सौ बार जन्म लेंगे” कार्यक्रम में एकल गीतों की प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर अनवर अजमेरी, नारायण बिहाणी, सुनील दत्त नागल, कैलाश खरखोदिया, कमलकांत सोनी, रामकिशोर यादव, पवन चढ्ढा, अयोध्या प्रसाद शर्मा, मेघराज नागल सहित आदि ने गीतों की प्रस्तुतियां दी। संस्था के सदस्यों द्वारा केक काटकर रफी का 100 वां जन्मदिन दिन मनाया।
कार्यक्रम के अतिथि कवि शिव दाधीच ने बताया कि श्री विश्वकर्मा नाट्य संगीत कला संस्थान गत 10 सालों में महान गायकों की कड़ी मिलें सुर मेरा तुम्हारा की पंरपरा को कायम रखते हुए लगातार गीत संगीत के आयोजन के अलावा समाजोपयोगी कार्यक्रम करती आ रही है। जिसका उदाहरण आज मो. रफी साहब के जन्मदिन मनाने का दिया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कर्मचारी नेता एनडी कादरी ने सभी कलाकारों की तारीफ करते हुए कहा बेहतरीन प्रस्तुति से माहौल में संगीत की मेलॉडी घोल दी।
कार्यक्रम में विशेष मेहमानो के तौर पर संगीत कला प्रेमी जितेन्द्र व्यास, सैय्यद अख्तर, महेंद्र सिंह मौजूद थे। कलाकार नारायण बिहाणी ने तकदीर फ़साना…, अनवर अजमेरी ने पत्थर के सनम…, सुनील दत्त नागल ने तेरी आंखों के सिवा… रामकिशोर यादव ने बहारों फूल बरसाओ…, कमलकांत सोनी ने मेरे पैरों में घुंघरू…, मेघराज नागल ने… जब दिल से दिल टकराता है…, कैलाश खरखोदिया ने अब क्या मिसाल दूं तेरे शबाब की…,जैसे गीतों की बेहतरीन गीतों की प्रस्तुतियां दी।