Bikaner : प्रख्यात उद्घोषिका, संस्कृतिकर्मी सरोज भटनागर का निधन
RNE Bikaner.
बीकानेर से एक बुरी खबर आई है। ख्यातनाम उद्घोषिका, संस्कृतिकर्मी सरोज भटनागर का यहां अलसुबह निधन हो गया। लगभग 76 की उम्र में उन्होंने PBM हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी।
वर्ष 1975 में आकाशवाणी उद्घोषिका के रूप में कैरियर की शुरुआत करने वाली सुश्री भटनागर 2009 में कार्यक्रम अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुई। उन्होंने बीकानेर, नागौर के आकाशवाणी केन्द्रों पर सेवाएं दी। इस दौरान उन्हें श्रेष्ठ सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया।
सरोज भटनागर को राजस्थान में युवा संस्कृतिकर्मियों को प्रोत्साहित करने वाली प्रेरक के रूप में पहचाना जाता है। उनकी देखरेख में न केवल उद्घोषकों की एक पूरी पीढ़ी प्रशिक्षित हुई वरन रंगकर्मियों, लोक कलाकारों को मंच मुहैया करवाने में हमेशा आगे रही।
यही वजह है कि सुश्री भटनागर के निधन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसकों, सहकर्मियों, अनुगामियों में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी देखभाल में जुटे वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर सोलंकी, आकाशवाणी में सेवाएं देते रहे वरिष्ठ समाजसेवी शांतिलाल सुराणा, रमेश सुराणा सहित बड़ी तादाद में लोग हॉस्पिटल पहुंच गए।
पत्रकार लेखक मधु आचार्य आशावादी ने सरोज भटनागर के निधन को रेडियो और कला, संस्कृति क्षेत्र के बीच बने एक पुल को ढहने की संज्ञा दी है। वास्तुविद उद्घोषक आर. के. सुतार ने कहा, मैने जीवन में बहुत कुछ सिखाने वाली मार्गदर्शक को खो दिया। सरोज भटनागर की शवयात्रा उनके निवास से दिन में दो बजे प्रस्थान करेगी और अंतिम संस्कार परदेशियों की बगेची रानी बाजार में किया जाएगा।