ICC CHAMPIONS TROPHY 2025 : रोहित और टीम इंडिया को धोनी से लेनी चाहिए यह सीख !
RNE Network
आज से ठीक एक माह बाद मिनी वन डे वर्ल्डकप ICC चैम्पियंस ट्रॉफी का आगाज 19 फ़रवरी से होगा। चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया में आशातीत सफलता न मिलने के बावजूद BCCI और चीफ सलेक्शन कमेटी ने टीम इंडिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, टेस्टेड चेहरों को ही टीम इंडिया के दल में शामिल किया है।
कप्तान रोहित शर्मा और स्टार क्रिकेटर विराट कोहली के क्रिकेट जीवन का यह संध्या काल है, शायद दोनों दिग्गज क्रिकेटर आखिरी बार किसी ICC इवेंट में भाग लेंगे।
बॉर्डर -गावस्कर ट्रॉफी में बुरी परफॉरमेंस के बाद BCCI ने कुछ सख्ती दिखाई है, सभी खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए बाध्य किया गया है।
खिलाड़ियों की मनमानी और सुपर स्टार कल्चर पर रोक लगाने की कोशिश की गई है। क्रिकेट दौरे पर पत्नी -गर्लफ्रेंड् को ले जाने की समय सीमा तय की गई है। इस नियम से खिलाड़ियों में कितनी बैचेनी और नाराजगी है, यह कल रोहित शर्मा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वायरल वीडियो से साफ झलक रही है। रोहित शर्मा, चीफ सलेक्टर अजित अगरकर को यह कहते सुनाए दिए कि फैमिली वाले नियम के लिए अलग से एक डेढ़ घंटे मीटिंग करनी होगी, क्योंकि सभी खिलाड़ी मुझे इस विषय में बारम्बार फोन कर सवाल पूछ रहें है।
रोहित शर्मा को इस विषय पर कुछ प्रेरणा पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से लेनी चाहिए। धोनी की साल 2015 फ़रवरी में बेटी जीवा का जन्म गुरुग्राम में हुआ था। धोनी यूं भी अपने साथ सेल फोन कैरी नहीं करते है और क्रिकेट टूर्नामेंट में तो मोबाइल से एकदम दूरी बनाकर रखते थे। धोनी को बेटी होने की सूचना भी सुरेश रैना के फोन के माध्यम से मिली थी।
फ़रवरी 2015 में धोनी चाहते तो ऑस्ट्रेलिया से भारत आकर अपनी पत्नी साक्षी और नवजात बेटी से मिलकर पुन : वर्ल्डकप टीम से जुड़ सकते थे, क्योंकि टीम इंडिया के अगले मैच के बीच एक हफ्ते का अंतराल था।
ऑस्ट्रेलिया में जब धोनी से मीडिया ने पूछा कि -” क्या आप अपनी नवजात बेटी और पत्नी से मिलने भारत जाएंगे? ” धोनी का जवाब था -“आई एम ऑन नेशनल ड्यूटी, एवरिथिंग एल्स कैन वेट “।
फैमिली साथ रखने में कोई आपत्ति यूं तो नहीं होनी चाहिए, लेकिन खेल से ध्यान भंग न हो और फोकस डिरेल न हो, यह इच्छाशक्ति भी तो होनी चाहिए। अगर वो अनुशासन BCCI को खिलाड़ियों में नजर नहीं आया तो फिर रूल्स-रेगुलेशन ही लागू करने पड़ते है। रोहित शर्मा को साथी खिलाड़ियों के आग्रह और जिद को दरकिनार कर स्वयं ही कहना चाहिए था कि नियम, नियम है। टीम की परफॉरमेंस उन्नीस चल रही है, फिलहाल फोकस सिर्फ चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने पर होना चाहिए। एक बार टीम का मूमेंटम -फॉर्म लौट आए तो फैमिली वाले मैटर पर BCCI से संवाद किया जाएगा।
मनोज रतन व्यास को समान्यतया फिल्म समीक्षक, लेखक, कवि के रूप में जाना जाता है। कम लोग जानते है कि बिजनेस मैनेजमेंट के महारथी और मीडिया में प्रसून जोशी के साथ एडवरटाइजमेंट क्रिएटीविटी टीम के सदस्य रहे मनोज गहरी दृष्टि वाले खेल समीक्षक हैं। rudranewsexpress.in के पाठक Sunday Sports Talk में उनकी इसी “फील्ड से फिनिश लाइन” तक वाली समीक्षकीय दृष्टि से हो रहे हैं रूबरू।