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गुटबाजी व खींचतान के चलते 17 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ

  • 44 जिलों में से केवल 27 जिलों में ही जिलाध्यक्ष बन सके
  • खींचतान के कारण पूरी नहीं हुई चुनाव प्रक्रिया

RNE Network

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी खींचतान व गुटबाजी के कारण सभी जिला अध्यक्षों के चुनाव पूरे नहीं हो सके हैं। जबकि संगठन के निर्णय के अनुसार पहले सप्ताह तक जिलाध्यक्षों के चुनाव पूरे करने थे। वरिष्ठ नेताओं की खींचतान के कारण ये लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका है।


संगठन चुनाव की इस प्रक्रिया में ये बात तो स्पष्ट हो गई कि पार्टी के भीतर गुटबाजी है, एकजुटता के दावे खोखले हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने चहेतों को आगे बढ़ाने के लिए संगठन में नियुक्ति दिलाने के प्रयास में रहते हैं।

अटक गये चुनाव:

भाजपा के संगठन के चुनाव की प्रक्रिया फरवरी के पहले सप्ताह तक पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन आपसी खींचतान के चलते पूरी नहीं हुई है। संगठन महासचिव बी एल संतोष के दखल के बाद ब्लॉक और मंडल अध्यक्षों का निर्वाचन किया गया। मगर जिला अध्यक्षों व प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

17 जिलों में अटका चुनाव:

जिला अध्यक्षों को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में रस्साकस्सी चल रही है। इस वजह से अभी तक 17 जिलों में अध्यक्ष का चुनाव नहीं किया जा सका है।

भाजपा में संगठनात्मक दृष्टि से कुल 44 जिले हैं। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और चुनाव प्रक्रिया के लिए विधायकों, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी। जिन 17 जिलों में अध्यक्ष के लिए एक राय नहीं बन सकी है, वे जिले वरिष्ठ नेताओं से ताल्लुक रखते हैं।