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राजस्थान में किरोड़ीलाल मीणा को तो हरियाणा में अनिल विज को नोटिस, अनुशासनहीनता किसी सूरत में सहन नहीं

RNE Network

दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा अनुशासन को लेकर सख्त हो गई है। अनुशासनहीनता के बयानों पर पार्टी ने हरियाणा व राजस्थान के दो दिग्गज नेताओं को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है। दोनों दिग्गज अपने अपने राज्य में कैबिनेट मंत्री है।


दिल्ली के चुनाव परिणाम घोषित होते ही सबसे पहले भाजपा संगठन की गाज गिरी मणिपुर के मुख्यमंत्री पर। मणिपुर के हालात पर भाजपा की केंद्र सरकार निरंतर घिर रही थी। विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया था। दिल्ली जीतते ही वहां के सीएम से भाजपा ने इस्तीफा ले लिया है। वहीं दो दिग्गज नेताओं को नोटिस थमा दिए हैं।


किरोड़ी बाबा को राजस्थान में:

दिग्गज नेता व कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा लगातार प्रेस में बयान दे रहे हैं कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्रालय नहीं जाते। विधानसभा सत्र में अनुपस्थित रहने की छुट्टी ले लेते हैं। राज्य सरकार की नीतियों व निर्णयों पर सार्वजनिक रूप से बयान देते हैं।

कुछ दिन पहले के उनके बयान ने तो सरकार व संगठन को परेशानी में डाल दिया। किरोड़ी बाबा ने अपनी ही सरकार पर फोन टेप कराने व सीआईडी कराने का आरोप सार्वजनिक रूप से लगा दिया। विपक्ष सरकार पर हमलावर है। आखिरकार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मीणा को नोटिस थमा 3 दिन में जवाब मांगा है। नोटिस में सख्त भाषा का उपयोग किया गया है।

अनिल विज को हरियाणा में:

हरियाणा की राजनीति के दिग्गज व मंत्री अनिल विज भी सीएम व वहां की अपनी सरकार पर टिप्पणियां सार्वजनिक रूप से करते रहते हैं और पार्टी कुछ बोल नहीं पाती। सीएम को भी चुप रहना पड़ता है।


अभी दिल्ली चुनाव के समय भी विज ने अपनी सरकार पर प्रतिकूल टिप्पणी की। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसे भी अनुशासनहीनता माना है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौती ने विज को कारण बताओ नोटिस देकर 3 दिन में जवाब मांगा है।

अनुशासन का डंडा चलेगा:

भाजपा ने दो राज्यों में दो दिग्गज नेताओं व मंत्रियों को कारण बताओ नोटिस सख्त भाषा मे देकर संदेश दे दिया है कि अनुशासन के मुद्दे पर वो गम्भीर है। कड़ी कार्यवाही को तैयार है। बड़े नेताओं पर डंडा चला पार्टी ने अपना रुख साफ दिखा दिया है।