सरकार की तरफ से उठाए गये कदमों के बावजूद खुदरा बाजार में दाम बढ़े
आरएनई, बीकानेर।
गेहूं और आटे की कीमतें कम करने के केंद्र सरकार के तमाम प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। सरकारी सख्ती के बाद भी गेहूं की कीमतों में ज्यादा कमी नहीं आई है।
सरकार की तरफ से उठाए गये कदमों के बावजूद खुदरा बाजार में गेहूं व आटे के भाव कम होने के बजाय बढ़ गये हैं। हालांकि थोक कीमतों में जरूर कमी आई है। जानकारों के अनुसार इस साल गेहूं का उत्पादन बढ़ने की संभावना है, जिससे आगे लोगों को राहत मिल सकती है। सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल 12 जून को स्टॉक लिमिट लगाई थी।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अभी तक करीब 90 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचा जा चुका है। सरकार ने राहत देने के लिए ‘ भारत आटा ‘ 27.5 रुपये किलो बेचना भी शुरू किया था। सरकार के इस कदम के बाद भी गेहूं व आटे के भाव कम नहीं हुए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के डेटा के मुताबिक 12 जून 2023 को स्टॉक लिमिट लगने के दिन देश भर में गेहूं की ओसत खुदरा कीमत 29.16 रुपए थी, जो अभी 31.02 रुपए किलो है। यानी गेहूं के खुदरा भाव घटने के बजाय 6.5 प्रतिशत बढ़े हैं।