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फागुनी बयार: राजस्थानी साहित्यकार-गीतकार शंकरसिंह के फागुनी गीतों की धमाल गूंजने लगी

  • शंकरसिंह के सात फागुनी गीतों का एक संकलन वीणा कैसेट्स ने जारी किया

RNE Network

अपने कहने, लिखने के खास अंदाज के कारण खूब पसंद किये जाने वाले ख्यातनाम राजस्थानी साहित्यकार, पत्रकार शंकरसिंह राजपुरोहित अब अपने एक नये अंदाज में श्रोताओं-दर्शकों के सामने आ रहे हैं। यह अंदाज है गीतकार का। गंभीर कविताएं और चोट करते व्यंग्य लिखने के माहिर शंकरसिंह अब श्रृंगार, प्रेम के साथ चुहलबाजी वाली मस्ती को फागुनी गीतों में ढाल लाये हैं। ऐसे एक-दो नहीं पूरे सात गीत उन्होंने लिखे हैं। गीतों की गुणवत्ता का अंदाज इसीसे लगाया जा सकता है कि वीणा कैसेट्स ने हाथोंहाथ इन्हें संगीतबद्ध करवाने के साथ ही वीडियो के रूप में जारी भी कर दिया है। एलबम का नाम दिया है ‘पचरंगों फागणियो।’

पचरंगों फागणियों जारी होने के साथ ही धूम मचाने लगा है और फागुनी बयारों के बीच गली-मोहल्लों से गांव-चौपालों और गाड़ियों में सुनाई दे रहा है।गौरतलब है कि शंकरसिंह राजपुरोहित के गीतों को अबतक राजस्थान की स्वर कोकिला सीमा मिश्रा, श्रद्धा जगताप, रुकसाना मिरासी, अनुप्रिया लखावत, मुकुल सोनी एवं ट्विंकल वैष्णव अपने स्वर दे चुकी है। दीपक माथुर, बिरजकुमार मोहन्तो, अरविंदरसिंह एवं समीर सेन ने संगीतबद्ध किया है। इस लिंक पर जाकर आप भी इन गीतों का लुत्फ उठा सकते हैं।