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NAGAUR : टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए विशेष अभियान, जिला स्तर पर हुई मीडिया कार्यशाला
RNE, NAGAUR.
प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत सोमवार को राजकीय क्षय निवारण केन्द्र में एक मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। मीडिया कार्यशाला में क्षय रोग से जुड़े इतिहास, इसके लक्षण, उपचार तथा रोकथाम तथा वर्तमान में संचालित अभियान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया गया।
मीडिया वर्कशॉप को संबोधित करते हुए नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जुगल किशोर सैनी ने कहा कि भारत को टी.बी. मुक्त देश बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2025 में टी.बी. मुक्त भारत की संकल्पना की है। इस संकल्पना को पूरा करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार देश में सभी राज्य काम कर रहे हैं। राजस्थान में भी इसे लेकर युद्ध स्तर पर कार्ययोजना के मुताबिक काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के इसी टी.बी. मुक्त भारत महाअभियान का हिस्सा है, टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत अभियान।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सैनी ने बताया कि राजस्थान में इस अभियान को पूर्ण करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह जी के मार्गदर्शन में कार्ययोजना बनाई जा चुकी है। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत क्षय अनुभाग की ओर से सम्पूर्ण राज्य में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत की दिशा में विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती गायत्री राठौड़ के निर्देशानुसार बनाई गई अभियान की कार्ययोजना के मुताबिक धरातलीय स्तर पर टीम हैल्थ नागौर ने जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित के मार्गदर्शन में काम शुरू कर दिया हैं। अभियान को लेकर हाल ही में गत 22 फरवरी को जिला कलक्टर अरूण कुमार पुरोहित की अध्यक्षता में स्टेकहॉल्डर्स की कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है।
मुख्य चिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 2025 की 24 मार्च तक संचालित किए जाने वाले इस अभियान का उद्देश्य टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन को गति देने के साथ ही समुदाय में टीबी की समय पर पहचान कर इसके उपचार एवं रोकथाम को सुदृढ़ – करना है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. श्रवण राव ने क्षय रोग से जुड़े इतिहास और इसके लक्षण तथा उपचार व वर्तमान में सरकारी स्तर पर टी.बी. रोगियों के लिए संचालित योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान 2025 को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस अभियान के तहत संभावित टीबी रोगियों की पहचान, उपचार दर बढ़ाने की पहल, तंबाकू नियंत्रण, स्कूल प्रतियोगिताएं, मीडिया अभियान और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए अधिक से अधिक निक्षय मित्र बनाए जाएंगे. प्रत्येक क्षय रोगी को पोषण किट मुहैया करवाने के लिए निक्षय मित्र बनाए जाएंगे. अभियान के तहत संदिग्ध टीबी मामलों की पहचान की जाएगी, जिससे समय पर रोगियों का इलाज शुरू किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि उपचार की सफलता दर 85 प्रतिशत से अधिक रखी जाए।
यह है अभियान के प्रमुख इंडिकेटर्स
1.संदिग्ध टीबी मामलों की जांच (प्रति 1000 जनसंख्या पर 30 से अधिक)
2. टीबी नोटिफिकेशन दर (प्रति 1000 जनसंख्या पर एक या एक से कम)
3. उपचार सफलता दर (85 प्रतिशत लक्ष्य)4. डग ससेप्टिविलिटी टेस्ट (60 प्रतिशत)
5. निक्षय पोषण योजना का लाभ (100 प्रतिशत लक्ष्य)
6. निक्षय मित्र द्वारा पोषण किट वितरण (100 प्रतिशत लक्ष्य) निर्धारित किए गए हैं। इसमें जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न हितधारको की भूमिका, आईईसी गतिविधियों, संभावित टीबी रोगियों की पहचान, उपचार दर, निक्षय पोषण योजना, निक्षय मित्र पहल, सामुदायिक जागरुकता और समापन समारोह जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों शामिल की गई है।