Skip to main content

राशन डिपो पर फिर मिलने लगेगी सस्ती चीनी, कालीचरण सर्राफ से नोक-झोंक के बाद मंत्री गोदारा की बड़ी घोषणा

RNE, JAIPUR.

राजस्थान में राशन की दुकानों से सस्ती चीनी वितरण बंद होने के मसले पर भाजपा सरकार के मंत्री सुमित गोदारा और भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक कालीचरण सर्राफ के बीच मंगलवार को नोक-झोंक होती नजर आई।

चीनी के सवाल पर सर्राफ सदन में हमलावर होते नजर आये। इसके जवाब में गोदारा ने केन्द्र की ओर से चीनी बंद करने की बात कहते हुए कन्नी काटी। सर्राफ ने कई दूसरे राज्यों मंे अंत्योदय परिवारों को चीनी मिलने की जानकारी देते हुए सीधा सवाल किया-राजस्थान में गरीब परिवारों के लिए सस्ती चीनी की सुविधा शुरू करोगे या नहीं!


बात उलझती देख विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हस्तक्षेप किया। देवनानी की ओर से पूरा जवाब देने के संकेत के बाद गोदारा ने जवाब में सर्राफ को उलझाने की कोशिश की तो वे बीच मंे फिर खड़े हो गये। बोले, मेरा सीधा सवाल है कि गरीबों को राशन डिपो से 18 रुपए किलो चीनी मिलती थी। वह बंद हो गई। उन्हें अब बाजार से 42 रुपए किलो खरीदनी पड़ रही है। पिछली सरकार के इस गलत निर्णय को आप सुधारोगे या नहीं? गरीबों के लिए फिर से चीनी वितरण शुरू करोगे या नहीं ? आखिरकार गोदारा ने सदन में बड़ी सूचना दी कि मुख्यमंत्री भजनलाल इस मसले पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। जल्द ही अन्नपूर्णा भंडारों के जरिये अंत्योदय परिवारों को फिर से सस्ती दर पर चीनी उपलब्ध करवाने का काम शुरू होगा।

सर्राफ के सवाल पर पहले गोदारा बोले, चीनी फिर से शुरू करने का प्रस्ताव नहीं :

दरअसल पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक कालीचरण सर्राफ ने तारांकित प्रश्न के जरिये अंत्योदय परिवारों को सस्ती चीनी उपलब्ध करवाने का मसला विधानसभा में उठाया। सर्राफ ने पूछा कि उचित मूल्य की दुकानों पर चीनी आपूर्ति कब से बंद है? क्या सरकार चीनी आपूर्ति फिर से शुरू करने का विचार रखती है।


इस पर जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा बोले, सक्षम स्तर पर निर्णय से 31 मार्च 2021 के बाद से उचित मूल्य की दुकानों पर वितरण के लिए चीनी की खरीद नहीं हुई। उन्होंने कहा, फिलहाल चीनी वितरण शुरू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इसके साथ ही गोदारा ने कहा कि वर्ष 2016-17 तक भारत सरकार द्वारा चीनी का आबंटन किया जाता था। इसमें प्रत्येक कार्ड में प्रति यूनिट 500 ग्राम चीनी बीपीएल, अंत्योदय परिवारों को दी जाती थी।

हमलावर हुए सर्राफ :

गोदारा के जवाब पर असंतुष्ट सर्राफ बोले, देश के कई राज्यों में गरीब परिवारों को चीनी दी जा रही है। प्रदेश के 6 लाख 28 हजार 582 अंत्योदय लाभार्थी परिवार को सस्ती चीनी मिलती थी। वह बंद हो गई। पूर्ववर्ती सरकार के समय किये गये अविवेकपूर्ण गरीब विरोधी निर्णय को वर्तमान सरकार क्यों नहीं बदलना चाहती?

गोदारा ने जवाब में उलझाना चाहा तो बिफर गये सर्राफ :

सवाल तूल पकड़ता देख मंत्री गोदारा ने डिटेल जवाब के नाम पर सवाल को घुमाना और सर्राफ को उलझाना चाहा। वे वर्ष 2016-17 से खरीद के आंकड़े बताने लगे। यह भी बताया कि गंगानगर शुगर मिल से कितनी चीनी खरीदी गई आदि-आदि। ऐसे में जवाब को गोल-मोल करते देख सर्राफ बिफर गये। बीच मंे खड़े होकर बोले, मेरा सीधा-सीधा सवाल है कि आप गरीब, अंत्योदय परिवारों को चीनी देंगे या नहीं। इतना ही नहीं उन्होंने गरीब परिवारों को चीनी शुरू करने की मांग भी कर दी।

..और मंत्री गोदारा दे बताया, ऐसे देंगे चीनी :

आखिरकार मंत्री सुमित गोदारा ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल गरीबों, अंत्योदय परिवारों को फिर से चीनी देने की योजना पर विचार कर रहे हैं। जल्द ही अंत्योदय परिवारों को अन्नपूर्णा भंडारों से चीनी मिलने लगेगी।

 

ये भी बोले गोदारा :

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सक्षम स्तर पर निर्णय के उपरान्त उचित मूल्य दुकानों पर चीनी आपूर्ति बन्द की गई थी। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 तक बीपीएल एवं अन्त्योदय परिवारों को प्रत्येक राशन कार्ड पर प्रति यूनिट 500 ग्राम चीनी के लिए का आवंटन किया जाता था। वर्ष 2017-18 में केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गयी नई नीति के तहत एक जून 2017 से अन्त्योदय परिवारों को एक किलो चीनी प्रति परिवार प्रति माह दी जा रही थी।
उन्होंने कहा कि अन्त्योदय परिवारों को चीनी वितरण के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में 10816.66 मैट्रिक टन चीनी की खरीद की गयी। इसी प्रकार 2020-21 के प्रथम त्रैमास में 1520.30 मैट्रिक टन की खरीद की गयी। 31 मार्च 2021 को चीनी का आवंटन आदेश जारी किया गया था, उसके पश्चात् कोई आदेश जारी नहीं किया गया।