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Rajasthan : साधु का इलाज करवाने हॉस्पिटल ले गये पुजारी ने अपना आधारकार्ड दर्ज करवाया दिया, मौत पर हो गया बखेड़ा

RNE Network, Jhunjhunu.

एक व्यक्ति की मौत के बाद जब पोस्टमार्टम की बारी आई तो बड़ा बखेड़ा हो गया। जिस व्यक्ति की मौत बताई गई थी वह सामने जिंदा खड़ा था। ऐसे में जो मर गया वह कौन है? यह जानने के लिए पुलिस काफी सिर धुनना पड़ा। आखिरकार जब गुत्थी सुलझी तो सबके मुंह खुले रह गये।


घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले की है। यहां कांट गांव में एक बालाजी का मंदिर है जिसके पुजारी का नाम चतरु है। मंदिर में एक साधु आकर ठहरा जो बाद में बीमार हो गया। पुजारी चतरुराम उसे हॉस्पिटल ले गया। उसका कोई आधार या दस्तावेज नहीं होने से अपना आधार कार्ड बताकर इसी नाम से इलाज शुरू करवा दिया। तबीयत बिगड़ी तो झुंझुनू के जिला हॉस्पिटल ले गया लेकिन वहां साधु की मौत हो गई।


मौत के साथ ही पुजारी चतरूराम मीणा के हाथ-पांव फूल गये। वजह, रिकॉर्ड में चतरू की मौत हो गई और पोस्टमार्टम होते ही उसका डेथ सर्टिफिकेट बनने वाला था। ऐसे मंे वह डॉक्टर्स के सामने अड़कर खड़ा हो गया कि चतरूराम मैं हूं और जिंदा हूं। यह व्यक्ति कोई और है। मामले में यह पेंच आते ही पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पूरी कहानी सामने आई।


आखिरकार खोजबीन के बाद पता चला कि जिस साधु की मौत हुई है वह मूलरूप दिल्ली क्षेत्र का रहने वाला कुलदीप है। उसकी शिनाख्त होने और दस्तावेज मिलने के बाद उसी नाम से पोस्टमार्टम किया गया। इससे इतर अब चतरुराम की छानबीन चल रही है कि उसने आखिरकार अपने दस्तावेज से प्रदेश से बाहर के किसी व्यक्ति का इलाज कैसे करवाया ?