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हर बीस में से एक महिला को हो रहा है कैंसर, 5 में से 3 मरीज हार रहे जिंदगी, लैंसेट में प्रकाशित आयोसीएमआर का अध्ययन

RNE Network

भारत में कैंसर रोग अब बहुत ही जानलेवा बनता जा रहा है। लैंसेट में प्रकाशित आईसीएमआर के अध्ययन में ये चिंतित करने वाला खुलासा हुआ है। खासकर यह रोग महिलाओं को अधिक हो रहा है। ये बड़ी चिंता है।कैंसर की पहचान होने के बाद भारत मे हर 5 में से 3 लोगों की जान नहीं बच पाती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) द्वारा हाल ही में किये गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि भारत मे पुरुषों की तुलना में महिलाएं कैंसर से ज्यादा झुझ रही है। अध्ययन में वैश्विक कैंसर डाटा के विश्लेषण से यह सामने आया है कि अमेरिका में कैंसर से मृत्यु दर का अनुपात चार में से लगभग एक है, चीन में यह दो में एक है। वहीं भारत तीसरे स्थान पर है। भारत मे सबसे अधिक 5 में से 3 है।

रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में कैंसर से सम्बंधित मौतों में से 10 प्रतिशत से अधिक के लिए भारत जिम्मेदार है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में औसत उम्र बढ़ने के साथ साथ कैंसर के मामलों में 2 प्रतिशत सालाना वृद्धि होगी। शोधकर्ताओं ने पिछले 20 वर्षों में विभिन्न आयु समूहों और लिंगों में 36 कैंसर के रुझानों की जांच की।

हर 20 में से 1 महिला को हो रहा कैंसर:

अध्ययन के मुताबिक 2022 में स्तन कैंसर के दुनिया भर में 23 लाख नये मामले सामने आये। वहीं 670000 महिलाएं इस बीमारी से अपनी जिंदगी की जंग हार गई। हर 20 में से 1 महिला स्तन कैंसर का शिकार बन रही है। वहीं 70 में से एक महिला की मृत्यु इस बीमारी से हो सकती है।रिपोर्ट के अनुसार दुनिया मे हर घन्टे स्तन कैंसर की वजह से औसतन 76 महिलाओं की मौत हो रही है। चिंता की बात यह है कि 2050 तक कैंसर के नए मामलों में 38 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।

पुरुषों से ज्यादा महिलाएं पीड़ित:

भारत में कुल कैंसर के मामलों में स्तन कैंसर की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की हिस्सेदारी 9.2 प्रतिशत है।