
नाल: बीजाराम-गंगाराम के इकलौते बेटे चल बसे, चोरूराम ने एक साथ दोनों बेटे खोये
- नाल गांव के चार युवकों की एक्सीडेंट में मौत
- एमएलए डा.विश्वनाथ, पूर्व मंत्री गोविंदराम, काँग्रेस नेता मदनगोपाल मेघवाल पहुंचे
- डा.मेघवाल ने कलेक्टर से पीड़ित परिवार को राहत देने की बात की
- श्रीराम रामावत
RNE-Bikaner.
बीकानेर शहर से सटता गांव नाल मातमी सन्नाटा पसरा है। गांव में तीन घरों से एक साथ चार अर्थियां उठी तो कोहराम मच गया। क्रंदन ऐसा कि पत्थरदिल की भी आंखें भीग जाएं। चोरूराम पर ऐसा कहर बरपा है कि उसके दो जवान बेटे एक साथ मौत की आगोश में चले गये। बड़े बेटे गोधरन की तो शादी कर दी थी और दो साल का पोता भी है लेकिन छोटे बेटे राहुल की तो अभी शादी ही नहीं की थी। घर के दोनों चिराग एक साथ बुझ गये और जीवनभर का अंधेरा छोड़ गये। पूरा परिवार शून्य में ताक रहा है। आसमान की ओर उठी आंखें सवाल कर रही है ‘हे! ईश्वर, ये हमें किसी जन्म की सजा दी है।‘
दरअसल बीती रात सड़क हादसे में इस गांव में चार युवकों की एक साथ मौत हो गई। इनमें से दो सगे भाई गोरधन और राहुल थे। इनके अलावा गंगाराम के पुत्र ओमप्रकाश और बीजाराम के पुत्र श्यामाल ने भी हादसे में दम तोड़ दिया। चारों दो बाइक पर सवार थे और देर रात शादी समारोह में कैटरिंग की ड्यूटी से लौट रहे थे।
ऐसे में दर्द का दरिया गंगाराम और उनके परिजनों की आंखों से भी बह रहा है। गंगाराम के इकलौते बेटे ओमप्रकाश को स्कॉर्पियो ने काल बनकर छीन लिया। अभी उसकी शादी भी नहीं हुई थी। परिवार ने कितने सपने संजोये थे। सभी एक झटके में चकनाचूर हो गये। पथराई आंखों में रह गया कभी न खत्म होने वाला सूनापन।कमोबेश यही हालत बीजाराम और उनके परिवार की है। बीजाराम ने भी अपने इकलौते बेटे श्यामलाल जिसे प्यार से कोजू कहते थे को खो दिया। कोजू के छोड़ जाने पर अब तक विश्वास नहीं हो रहा। रह-रहकर हृदयभेदी क्रंदन गूंज रहा है।
रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद ज्योंहि शव गांव में पहुंचे पूरे गांव में शोक का सन्नाटा पसर गया। छाती पर पत्थर रखकर गांव के युवकों और अन्य लोगों ने क्रियाक्रर्म की प्रक्रिया शुरू की। एक साथ चार अर्थियां श्मसान पहुंची तो कलेजे कांप गये। पूरा गांव ही नहीं आस-पास के सैकड़ों लोग धीरज बंधाने और दुख में शरीक होने पहुंच गये।पूर्व सरपंच, पत्रकार श्रीराम रामवात दुर्घटना के बाद से ही मोर्चरी से लेकर अंतिम संस्कार तक गांव के लोगों सहित पीड़ित परिवार के साथ खड़े नजर आये। इस इलाके के विधायक डा.विश्नाथ मेघवाल मोर्चरी पहुंच गये थे। उन्होंने कलेक्टर से फोन पर बात कर पीड़ित परिवारों को समुचित सहायता के लिए आग्रह किया। बताया जाता है कि कलेक्टर ने सभी प्रकार के प्रशासनिक और सरकारी सहयोग के लिए आश्वस्त किया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा चुनाव लड़ चुके मदनगोपाल मेघवाल मोर्चरी से लेकर श्मशान घाट तक पीड़ित परिवार के साथ रहे। पूर्वमंत्री गोविंदराम मेघवाल ने भी अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचकर परिवार को धीरज बंधाया। हालांकि मौत का कोई मुआवजा नहीं हो सकता लेकिन गोविंदराम सहित वहां मौजूद अधिकांश नेताओं ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दिलवाने को आश्वस्त किया।