
Rajasthan Vidhansabha : जेठानंद ने शिक्षा मुख्यालय का इतिहास बताकर सभी मुख्यालय बीकानेर में रखने की मांग उठाई
- लक्ष्मीनाथ घाटी स्कूल बंद ना हो, 15 नंबर स्कूल को मर्ज न करें
RNE Jaipur.
बीकानेर पश्चिम के विधायक जेठानंद व्यास मंगलवार को विधानसभा में पूर्ववर्ती सरकार और शिक्षामंत्री पर जमकर बरसे। आरोप लगाय कि मंत्रीजी ने अपने चहेतों के घर में स्कूल खोल दिया। वहां बच्चे ही नहीं थे। बंद होने लगी तो वे मकान मालिक आये और बोले हमारी मजदूरी मारी जाएगी! इतना ही नहीं व्यास ने आजादी के साथ ही शिक्षा के इतिहास का जिक्र करते हुए सभी शिक्षा मुख्यालय बीकानेर में करने की मांग उठाई। इसके अलावा भी व्यास ने कई मांगें उठाई।
दरअसल विधायक व्यास विधानसभा में शिक्षा पर केन्द्रित अनुदान की मांग में चर्चा के दौरान विचार रख रहे थे। हालांकि उन्होंने पूर्व शिक्षामंत्री के तौर पर बी.डी.कल्ला का नाम नहीं लिया लेकिन सभी तीर कमोबेश एक ही निशाने पर लगाये।
जेठानंद एप्रिशिएसन रिपोर्ट का जिक्र कर ये बोले:
एमएलए जेठानंद व्यास ने कहा, आजादी के बाद लगातार कांग्रेस की सरकार रही है। इन्होनें शिक्षा और मेरे क्षेत्र बीकानेर के साथ क्या-क्या किया है, यह बताना चाहता हूं।
रिपोर्ट ऑन द एप्रिसिएशन राजस्थान 6 अप्रैल 1949 में विभागों के बंटवारे में उल्लेख किया गया है कि शिक्षा के समस्त मुख्यालय बीकानेर में स्थापित होंगे। चैप्टर आठ के बिन्दु एक में मनमोहन को निदेशक शिक्षा नियुक्त किया गया।
जब ये हुआ तो उस वक्त के महाराजा सार्दुलसिंह ने अपनी एक बिल्डिंग राज्य सरकार को किराये पर दी जिसका आज भी किराया एक रुपए हैं। यह इसी शर्त पर दी गई कि शिक्षा बीकानेर में रहेगी। इस प्रकार राज्य की उच्च शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा एक निदेशक के अधीन की गई। पूर्ववर्ती सरकारों ने शिक्षा के केन्द्रों को बीकानेर से जयपुर स्थानांतरित कर दिया। एक जनवरी 1998 से प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग अलग-अलग हो गई। इसके बाद कांग्रेस सरकार आई तो प्रारंभिक शिक्षा को वहां से हटाना चाहती थी लेकिन बड़े संघर्ष के पश्चात वह बीकानेर में ही रहा। पृथक्कीकरण के समय निर्धारित कार्य, स्टाफ के समायोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।कार्यकर्ता के घर में खोल दिया स्कूल:
इन्होंने स्कूल खोले लेकिन वहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं। एक ऐसा स्कूल है जो एकदम नया क्षेत्र लेकिन आज स्थिति यह है कि वहां पर्याप्त संख्या नहीं है। एक अपने कार्यकर्ता को लाभ देने के लिए प्राथमिक शिक्षा का विद्यालय उसके घर में खोल दिया। वहां संख्या नहीं होने से सरकार ने हटाने की घोषणा की तो बवाल मचा। जो स्कूल बंद किया जा रहा है उसका मालिक आया कि मेरी मजूरी बंद हो जाएगी।
इन्होंने विद्यालय की क्रमोन्नति की लेकिन वहां अध्यापक, मंत्रालयिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक नहीं लगाये। इन्होनें शिक्षा का बंटाधार किया।
समस्त स्कूलों में नॉर्म्स के हिसाब से पदों को भरा जाए। इन्होंने जो स्कूलें खोली उस क्षेत्र में 10 मकान नहीं है। मैं मांग करता हूं कि बीकानेर क्षेत्र में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद मुख्यालय चालू किया जाए क्योंकि पहले वहां था।
आठवीं बोर्ड की स्थापना बीकानेर में की जाएं क्योंकि सारी निदेशालय से काम होता है। ऐसे में वहां के कर्मचारियों-प्रशासक को परेशानी होती है।
इनके राज में डायरेक्टर कभी भी वहां नहीं बैठा। अब धन्यवाद देता हूं निदेशक महोदय को वे वर्किंग-डे में डायरपेक्ट्रेट में ही मिलते हैं।जहां राजकीय विद्यालय है वहां कक्षा-कक्षों का निर्माण, मरम्मत की जाए। स्टाफिंग पैटर्न लागू करने की मांग। स्वच्छ पेयजल, आवश्यक संसाानों की पूर्ति हो। इनके समय में वहां लोटा-बाल्टी भी नहीं मिलता था। यहां स्टूडेंट पड़ौस से पानी लाते थे। आज स्थितियां बदल रही हैं।
15 नंबर स्कूल मर्ज नहीं हो, लक्ष्मीनाथ घाटी स्कूल भी चालू रहें:
जो हमारे बच्चों के गर्जियान है वे बालिकाओं को छठी कक्षा के बाद बालकों के साथ नहीं बिठाना चाहते। बीकानेर में 15 नंबर स्कूल में बालक-बालिका दो स्कूल हैं। यहां बालिका स्कूल को को-एड नहीं किया जाए। ऐसा हुआ तो बालिकाएं स्कूल छोड़ देगी।
लक्ष्मीनाथ घाटी की स्कूल में भवन छोटा है, पर्याप्त स्थान नहीं है लेकिन उसके आस-पास कोई जगह देखकर स्थानांतरित करें। बंद नहीं करे।
कॉलेजों में ये हाल:
उच्च शिक्षा में खूब कॉलेज खोले। एक कॉलेज मुरलीधर व्यास कॉलोनी और एक गंगाशहर में। दोनों जगह कॉलेज है लेक्चरर नहीं है। एक कॉलेज सामुदायिक भवन में है। आज तक उसकी जमीन की परवाह नहीं की। वहां स्थायी स्टाफ नहीं लगाया। जहां लेक्चर नहीं, मंत्रालयिक कर्मचारी नहीं, ऐसी कॉलेज खोलकर शिक्षा के साथ मजाक किया है। जो कॉलेज खोली है वहां जमीन उपलब्ध करवाने के साथ ही स्थायी स्टाफ लगाया जाए। इनकी कमी को हम दूर करेंगे।
गंगाशहर में कोई कॉलेज जाकर पूछे तो नहीं मिलेगा। वह भीनासर के जवाहर स्कूल में खुला है। इसलिये मांग है कि वहां कॉलेज के नाम में जवाहरसिंहजी का नाम जोड़ा जाए। जितने भी राजकीय महाविद्यालय है वहां कम्प्यूटर लैब स्थापित करें।